पयर्टन उद्योग पर त्रासदी का डंक
ज्ञानेंद्र शुक्ल, बागेश्वर : पर्यटन की दृष्टि से जिले का नाम पूरे विश्व में जहां जाना जाता है। शहर स
ज्ञानेंद्र शुक्ल, बागेश्वर : पर्यटन की दृष्टि से जिले का नाम पूरे विश्व में जहां जाना जाता है। शहर स्थित भगवान शिव का बागधाम मंदिर व कौसानी का प्राकृतिक सौंदर्य देसी व विदेशी पर्यटकों को हमेशा ही अपनी ओर खींचता चला आ रहा है। लेकिन इधर बीते पांच वर्ष में आई त्रासदी के कारण जिले में आने वाले पर्यटकों की संख्या में तेजी से गिरावट आई है।
पर्यटन की नगरी के रूप में विख्यात बागेश्वर विदेशी पर्यटकों की चहलकदमी न होने से शांत है। 17 जून 2013 को आई भयंकर जल प्रलय ने पर्यटन को पूरी तरह उजाड़ दिया। इसका असर पूरे प्रदेश पर पड़ा। पर्यटन उद्योग पूरी तरह बर्बाद हो गया। उसका असर अब तक देखने को मिल रहा है। प्रदेश सरकार की तरफ से पर्यटन के विकास को लेकर योजनाएं चलाई जा रही हैं। लेकिन पर्यटक न मिलने से रेस्टोरेंट, होटल मालिकों, टैक्सी चालकों को गुजर-बसर करना मुश्किल हो रहा है।
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विदेशी पर्यटकों की स्थिति
पर्यटन क्षेत्र वर्ष पर्यटकों की संख्या
कौसानी 2012 601
बागेश्वर 339
कौसानी 2013 428
बागेश्वर 364
कौसानी 2014 435
बागेश्वर 389
कौसानी 2015 397
बागेश्वर 206
कौसानी 2016 237
बागेश्वर 116
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देसी पर्यटकों की संख्या
पर्यटक क्षेत्र वर्ष देसी पर्यटकों की संख्या
कौसानी 2012 58,373
बागेश्वर -- 18,832
कौसानी 2013 45,230
बागेश्वर ---- 18,510
कौसानी 2014 52,926
बागेश्वर ----- 22,472
कौसानी 2015 56,661
बागेश्वर ------ 19,606
कौसानी 2016 41,135
बागेश्वर ----- 23,298
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अधिकारी बोले, त्रासदी ने कहीं का नहीं छोड़ा
जिला पर्यटन विकास अधिकारी लता बिष्ट ने लगातार घट रही विदेशी पर्यटकों की संख्या को त्रासदी का कारण बताया। उनका कहना था कि विदेशी पर्यटकों के मन में वह मंजर बस सा गया है। पर्यटकों की संख्या में कमी के कारण केएमवीएन के गेस्ट हाउसों के कर्मचारियों का खर्च निकालना मुश्किल हो गया है।