कम बारिश ने बढ़ाई जल संस्थान की मुसीबत
संवाद सहयोगी, बागेश्वर : जाड़ों के सीजन में कम बारिश व बर्फबारी नहीं होने से जल संस्थान चिंतित है। बा
संवाद सहयोगी, बागेश्वर : जाड़ों के सीजन में कम बारिश व बर्फबारी नहीं होने से जल संस्थान चिंतित है। बारिश नहीं होने से जल स्रोतों में घटने लगा है। ऐसी स्थिति में मई-जून माह की गर्मी में उन गांवों में पानी के लिए हाहाकार मचेगा जो गांव जल स्रोत पर निर्भर हैं।
बागेश्वर जिले में ऊंचाई वाले गांवों में पानी पहुंचाना जल संस्थान के लिए टेढ़ी खीर साबित होता है। बीते वर्षो में गर्मी के सीजन में इन गांवों में पानी पहुंचाने के लिए जल संस्थान ने दावे तो जरूर किए मगर ग्रामीणों को पानी नसीब नहीं हो सका। इस साल भी दिसंबर, जनवरी में बारिश व हिमपात नहीं होने से जल स्रोतों के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में जल स्रोतों का पानी काफी कम हो गया है। बारिश नहीं होने के कारण कई जल स्रोत सूखने के कगार पर पहुंच गए हैं। जिले के दर्जनों गांव ऐसे हैं जिन गांवों के लिए जल संस्थान कोई योजना काम नहीं कर रही है बल्कि यह गांव सिर्फ जल स्रोतों पर निर्भर हैं।
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इन गांवों में रहेगी पानी की समस्या
कपकोट: कीमू, मिकिला, झूनी, वाछम, खाती, सोराग, चौड़ा, पेठी, रिखाड़ी, हरकोट, धुरकोट, पनौरा, पोथिंग, तोली, कन्यूटी, उत्तरौड़ा, पोलिंग, गैरखेत, लीली, भनार, शामा, लीती गांव।
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गरुड़: कौसानी, पाए, दर्शानी, पचना, बड़ेत, नौघर, गढ़सेर, डंगोली, सिरकोट गांव।
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बागेश्वर: कांडा पड़ाव, जेठाई, ताछनी, मलसूना, विजयपुर, खंतोली, काने कन्याल, सिमकूना, मयूं, बंगचूड़ी, कुला, रंगचौड़ा, चौगांवछीना, खरही पट्टी के गांव, कठायतबाड़ा, द्यांगण, रवाईखाल, मंडलसेरा, जौलकांडे गांव।
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इस साल पानी का संकट बढ़ने की संभावना है। बारिश व हिमपात नहीं होने से जल स्रोतों में पानी घटने लगा है। फरवरी के बाद अधिकांश गांवों में पानी संकट गहराने के आसार हैं। जल संस्थान टैंकर से पानी पहुंचाने की व्यवस्था करेगा।
- दीनदयाल, अभियंता, जल संस्थान
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पाइप लाइन जोड़ी, आपूर्ति बहाल
बागेश्वर: जल संस्थान ने आरे गांव में क्षतिग्रस्त हुई पाइप लाइन जोड़कर शहर में पानी की आपूर्ति बहाल कर दी है। गत दिनों आरे गांव में पाइप लाइन क्षतिग्रस्त होने से शहर के कुछ हिस्से में पानी की आपूर्ति ठप हो गई थी।