आम आदमी की पीड़ा दर्शाता है प्रेमचंद साहित्य
गरुड़ (बागेश्वर): कथा सम्राट व उपन्यासकार मुंशी प्रेमचंद्र की 135वीं जयंती पर उन्हें याद किया गया। वक
गरुड़ (बागेश्वर): कथा सम्राट व उपन्यासकार मुंशी प्रेमचंद्र की 135वीं जयंती पर उन्हें याद किया गया। वक्ताओं ने कहा कि प्रेमचंद्र के साहित्य में आम आदमी की पीड़ा दर्शाता है।
उत्तराखंड पत्रकार एवं साहित्यकार समिति द्वारा आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि महाविद्यालय के प्रवक्ता डॉ. हेमचंद्र दूबे ने कहा कि प्रेमचंद्र ने अपने साहित्य में आम आदमी की पीड़ा महसूस की। कहा कि प्रेमचंद्र ने अपनी कहानियों व उपन्यासों के पात्र आम लोगों को ही बनाया। इसलिए उन्हें सर्वाधिक प्रसिद्धि मिली। समिति के अध्यक्ष मोहन जोशी की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि प्रेमचंद्र ने सर्वहारा वर्ग की आवाज को हमेशा अपने कलम की धार दी। अपनी लेखनी से ब्रिटिश शासन की चूलें हिला दी। कहा कि प्रेमचंद का साहित्य का रूझान अब भी जनता में है। उनके साहित्य में आम आदमी की पीड़ा को समझना मिलता है। इस दौरान मनोज खोलिया, संतोष तिवारी, भुवन कैड़ा, जीवन दोसाद, मोहम्मद यूसूफ, नीरज कांडपाल आदि उपस्थित थे। संचालन समिति के महासचिव चंद्रशेखर बड़सीला ने किया।