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भूगोल बदला पर तकदीर नहीं

बागेश्वर: पृथक बागेश्वर जनपद गठन के बाद अल्मोड़ा जिले के भैंसियाछाना तथा ताकुला विकास खंड से काटकर क

By Edited By: Published: Sat, 28 Mar 2015 11:13 PM (IST)Updated: Sun, 29 Mar 2015 04:33 AM (IST)
भूगोल बदला पर तकदीर नहीं

बागेश्वर: पृथक बागेश्वर जनपद गठन के बाद अल्मोड़ा जिले के भैंसियाछाना तथा ताकुला विकास खंड से काटकर कठपुडि़याछीना के 50 गांव बागेश्वर में तो मिला दिए गए, लेकिन विकास के मामले में आज भी ये गांव मीलों पीछे छूट गए हैं। विकास में पिछड़े इन गांवों से लगातार पलायन हो रहा है जिस कारण गांव के गांव खाली होते जा रहे हैं।

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वर्ष 1997 में बागेश्वर जिले के गठन के उपरांत कठपुडि़याछीना के 50 गांवों ने बागेश्वर जिले में मिलाने की मांग की। शासन ने अल्मोड़ा जिले के भैंसियाछाना तथा ताकुला विकास खड में शामिल 50 गांवों को नव सृजित बागेश्वर जिले में मिला दिया। लोगों को उम्मीद थी कि बागेश्वर जिले में मिल जाने के बाद गांवों का तेजी से विकास होगा। मूलभूत सुविधाओं को तरसे ग्रामीणों की जरूरतें पूरी होंगी तथा गांवों से पलायन बंद होगा। लेकिन 17 साल बाद भी कठपुडि़याछीना के गांवों में विकास की किरण नहीं पहुंची। मूलभूत सुविधाओं के लिए अब भी ग्रामीण प्रशासन का मुंह ताक रहे हैं।


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