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आग बुझाने के लिएसेटेलाइट का सहारा लेगा उत्तराखंड का वन विभाग

लचर सूचना तंत्र व मैन पॉवर की कमी से किरकिरी झेल रहा विभाग अब वनों में आग की घटनाओं को रोकने के लिए सेटेलाइट का सहारा लेगा।

By BhanuEdited By: Published: Wed, 22 Feb 2017 02:22 PM (IST)Updated: Thu, 23 Feb 2017 07:30 AM (IST)
आग बुझाने के लिएसेटेलाइट का सहारा लेगा उत्तराखंड का वन विभाग
आग बुझाने के लिएसेटेलाइट का सहारा लेगा उत्तराखंड का वन विभाग

रानीखेत, अल्मोड़ा [जेएनएन]: देर से ही सही, धधकते जंगलों को खाक होने से बचाने के लिए वन विभाग की नींद टूटी है। खास बात यह कि लचर सूचना तंत्र व मैन पॉवर की कमी से किरकिरी झेल रहा विभाग अब वनों में आग की घटनाओं को रोकने के लिए सेटेलाइट का सहारा लेगा।

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उपग्रहों के जरिये अग्नि प्रभावित वन प्रभाग, बीट व कंपार्टमेंट की सूचना संबंधित विभागीय कार्यालय में पहुंचेगी। वहीं फील्ड की ताकत बढ़ाने के लिए वन रक्षकों के तीस पदों पर चयन की कवायद भी तेज हो गई है।

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मुख्य वन संरक्षक (कुमाऊं) राजेंद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि वन क्षेत्रों को आग से बचाने के लिए विभाग वैज्ञानिक तकनीक अपनाने जा रहा। देहरादून मुख्यालय से रोजाना मॉडिस डाटा एकत्र कर नियमित मॉनीटरिंग की जा रही।

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इसके तहत अतिसंवेदनशील जंगलात पर पैनी निगाह रखी जा रही। उपग्रह से मिलने वाली सूचनाओं के आधार पर त्वरित कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि तापमान चढ़ने, नमी व बारिश आदि पहलुओं पर अध्ययन किया जा रहा।

इसके अलावा वन रक्षकों के 30 प्रतिशत रिक्त पदों को भरने के लिए अधीनस्थ कर्मचारी चयन आयोग से सिफारिश की गई है। जल्द ही यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद मैन पॉवर की कमी काफी हद तक दूर कर ली जाएगी।यह भी पढ़ें: रानीखेत में धू-धू कर जला भावी मिनी कॉर्बेट, लाखों का नुकसान


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