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आतंक का पर्याय बने गुलदार

द्वाराहाट: तहसील के कई ग्रामीण क्षेत्रों गुलदारों का आतंक बना हुआ है। आतंक का पर्याय बन चुके गुलदार

By Edited By: Published: Wed, 01 Oct 2014 09:39 AM (IST)Updated: Wed, 01 Oct 2014 09:39 AM (IST)
आतंक का पर्याय बने गुलदार

द्वाराहाट: तहसील के कई ग्रामीण क्षेत्रों गुलदारों का आतंक बना हुआ है। आतंक का पर्याय बन चुके गुलदार की डर से जहां महिलाओं ने खेतों में जाना छोड़ दिया है वहीं स्कूली बच्चे स्कूल जाने से डर रहे हैं। गुलदार पिछले एक सप्ताह में दर्जनभर बकरियों का अपना निवाला बना चुका है। ग्रामीणों ने वन विभाग से पिंजरा लगाकर निजात दिलाने की मांग की है।

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नगर के समीपवर्ती क्षेत्र पूजाखेत, सलालखोला, ध्याड़ी, जामड़ आदि क्षेत्रों में गुलदार का आतंकमचा हुआ है। ग्रामीणों का कहना है इसी माह एक गुलदार को कैद कर टाइगर रिजर्व फारेस्ट रामनगर भेजा लेकिन फिर भी क्षेत्र में गुलदारों के बढ़ती संख्या से लोग दहशतजदा हैं। ग्रामीणों का कहना है कि गुलदारों का एक समूह गांव के आसपास विचरण करते देखा गया है। इस संदर्भ में बीडीसी सदस्य जीवन सिंह का कहना है कि गुलदार के डर से महिलाएं खेतों में काम करने से कतराने लगी हैं वहीं बच्चे स्कूल नहीं जा रहे हैं। उधर दूरस्थ क्षेत्र ईड़ा में एक सप्ताह से गुलदार का आतंक बना हुआ है। यह गुलदार एक सप्ताह में दर्जन भर बकरियों को निवाला बना चुका है और कई मवेशियों व मानवजात पर हमले की कोशिश कर चुका है। कनिष्ठ उपप्रमुख चंद्रशेखर चौधरी, जिपं सदस्य नीरज कुमार, प्रधान नीमा देवी व अन्य ग्रामीणों ने वनक्षेत्राधिकारी को हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन भेज पिंजरा लगाने की मांग की है।


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