त्योहार के उल्लास में भूल गए सफाई का संकल्प
जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा : सफाई के त्योहार पर भी सूबे की सांस्कृतिक नगरी में स्वच्छ भारत अभियान हवाई
जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा : सफाई के त्योहार पर भी सूबे की सांस्कृतिक नगरी में स्वच्छ भारत अभियान हवाई ही साबित हुआ। पटाखों के धुंए से जहां पर्यावरण का जमकर नुकसान पहुंचा, वहीं पर्व के उत्साह के बाद फैली गंदगी ने सांस्कृतिक नगरी की साख पर बट्टा लगाने का ही काम किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने भले ही पूरे देश को स्वच्छ बनाए रखने के लिए स्वच्छ भारत अभियान की शुरूआत की हो। लेकिन तमाम संकल्पों के बाद भी स्वच्छ भारत अभियान सांस्कृतिक नगरी में रंग नहीं ला रहा है। सफाई के त्योहार पर भी स्थानीय लोगों में संवेदनहीनता ही नजर आई। लोगों ने अपने घरों में तो सफाई की। लेकिन सार्वजनिक स्थानों की सफाई पर न तो पालिका ने ध्यान दिया और न ही स्थानीय लोगों ने। जगह-जगह पटाखों से फैली गंदगी दिनभर स्वच्छ भारत अभियान को मुंह चिढ़ाती रही। लेकिन इसके बाद भी सफाई को लेकर किसी के सिर में जूं तक नहीं रेंगी। अल्मोड़ा बाजार में दीवाली के मौके पर आतिशबाजी के बाजार एक करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार हुआ। इन पटाखों के धुंए से पर्यावरण को नुकसान तो पहुंचा ही। नगर में गंदगी का साम्राज्य और भयंकर रूप धारण कर गया। लेकिन इन सब के बाद भी पर्यावरण संरक्षण और नगर को साफ करने का दंभ भरने वाले समाजसेवियों की नजर पर्व पर भी गंदगी के साम्राज्य पर नहीं पड़ी।
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पटाखों ने धुंए ने पर्यावरण को किया प्रदूषित
अल्मोड़ा: दीपावली पर्व पर सूबे की सांस्कृतिक नगरी में आतिशबाजी से पर्यावरण का खासा नुकसान पहुंचा। लगभग एक करोड़ रुपये से अधिक की आतिशबाजी एक ही दिन होने के कारण पर्यावरण प्रदूषित हुआ। पर्यावरण विज्ञानी डा. सुब्रत शर्मा की मानें तो आतिशबाजी के कारण पर्यावरण में सल्फर डाई ऑक्साइड, नाइट्रोजन, कार्बन मोनो ऑक्साइड व कार्बन डाई ऑक्साइड जैसी गैसें फैली हैं। जिस कारण तापमान परिवर्तन, मौसम चक्र में बदलाव, ओजोन परत को नुकसान की संभावनाएं बढ़ी हैं।