नंदा देवी मेला शुरू, डंगरियों ने दिए देवदर्शन
संवाद सहयोगी, चौखुटिया: देवभूमि उत्तराखंड की धरती पर मां-नंदा को आराध्य कुल देवी के रूप में पूजा व म
संवाद सहयोगी, चौखुटिया: देवभूमि उत्तराखंड की धरती पर मां-नंदा को आराध्य कुल देवी के रूप में पूजा व माना जाता है। इसलिए यहां स्थान-स्थान पर मां-नंदा देवी पूजन मेले की परंपरा सदियों से चली आ रही है। गेवाड़ की रंगीली धरती में बसे तड़ागताल व जाबर-कोट्यूड़ा में भी मां नंदा देवी पूजन मेला पूरे श्रद्धाभाव से मनाने की परंपरा है।
कोट्यूड़ा-जाबर का नंदा देवी पूजन मेला शनिवार से मुख्य ड्योड़ी टेड़ागांव में प्रारंभ हो गया। पूजन मेले का विधिवत शुभारंभ पारंपरिक रीति-रिवाज के साथ मां-नंदा का बार भरने से के साथ शुरू हुआ। इस मौके पर विशेष पूजा-अर्चना के साथ शंखध्वनि व वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच अखंड ज्योति प्रज्वलित की गई। आयोजन स्थल पर सुबह से ही लोगों का पहुंचने का क्रम प्रारंभ हो गया। जो दोपहर तक चलता ही रहा। परंपरा के अनुसार तड़ागताल क्षेत्र के नौगांव, पैली, न्यौनी व बसरखेत ड्योड़ियों से आमंत्रित देव डंगरिए गाजे-बाजे के साथ साढ़े ग्यारह बजे मुख्य ड्योड़ी टेड़ागांव में पहुंचे। जहां सभी देव डंगरियों का नगाड़-निशानों के साथ श्रद्धाभाव से स्वागत किया गया। इसके बाद आह्वान गीतों के साथ मां-नंदा समेत सभी डंगरियों ने देव दर्शन दिए।
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देव डंगरियों को दूध से कराया स्नान
मुख्य ड्योड़ी में विधि-विधान से अवतरित सभी देव डंगरियों को दूध व पानी से स्नान कराया गया। इस दौरान डंगरियों ने चारों दिशाओं को मोत्यूं-चावल उछालकर सभी की सुख-समृद्धि की कामना की। साथ ही देव डंगरियों ने बारी-बारी से अखंड ज्योति की परिक्रमा भी की। नौ-लाख कत्यूरी देवता भी अवतरित हुए।
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इन डंगरियों ने दिए देव दर्शन
मां-नंदा व दीपा समेत अन्य देव डंगरियों के रूप में राजेंद्र सिंह, हरी राम, दलीप सिंह, बलवंत सिंह, नंदन सिंह, देव सिंह पैलिया, मदन सिंह, गंगा सिंह, भूपाल सिंह बैड़िया व जोगा सिंह आदि डंगरियों ने दर्शन दिए। अंत में मेला समिति के संयोजक कुबेर सिंह ने सभी का आभार व्यक्त किया।
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नंदा देवी पूजन मेला कार्यक्रम
19 अगस्त-मां का बार भरने के साथ मेला शुरू
20 अगस्त से सभी ड़योड़ियों में नित्य रात्रि जागरण
24 अगस्त-जमराड़ में कदली वृक्ष आमंत्रण-पूजन
25 अगस्त-बगड़ी गांव से कदली वृक्ष को विदाई
शाम को मंदिर में मूर्ति निर्माण व पूजा
26 अगस्त-मूर्ति विसर्जन व प्रसाद वितरण