उधर मंत्री रवाना, इधर कर्मचारी नेता फिर मुखर
संवाद सहयोगी, रानीखेत : विभागीय मंत्री की क्षेत्र से रवानगी के दूसरे ही दिन उद्यान व कृषि विभाग के ए
संवाद सहयोगी, रानीखेत : विभागीय मंत्री की क्षेत्र से रवानगी के दूसरे ही दिन उद्यान व कृषि विभाग के एकीकरण के मुद्दे पर वार्ता के दौरान चुप्पी साधे कर्मचारी फिर मुखर हो गए। लामबंद कर्मचारी नेता दोनों विभागों का विलय होने के बाद अधिक संख्याबल का हवाला देते हुए उद्यान को महत्व दिए जाने की मांग पर अड़ गए हैं। साथ ही बजट आदि का अधिकार निदेशक उद्यान को दिए जाने तथा चौबटिया निदेशालय को देहरादून शिफ्ट न किए जाने की भी पुरजोर वकालत की है।
दो दिन पूर्व ऐतिहासिक चौबटिया गार्डन के निरीक्षण को पहुंचे उद्यान मंत्री सुबोध उनियाल ने निदेशालय भवन के सभागार में एकीकरण के खिलाफ लामबंद कर्मचारी नेताओं के साथ बैठक की। मंत्री ने पहले संगठन से अपना पक्ष रखने को कहा। प्रदेश महामंत्री चंद्रमोहन पंत ने मर्जर विभाग के लिए 1990 के शासनादेश का हवाला देते हुए तर्क दिया कि इससे उद्यान विभाग के अधिकारी व कर्मचारी दोनों का अहित होगा। कहा कि उद्यान में 3550 जबकि कृषि विभाग में करीब 2500 अधिकारी कर्मचारी हैं। वहीं पूरे राज्य में कृषि के बजाय बागवानी अधिक होती है।
इस पर मंत्री सुबोध ने स्थिति स्पष्ट करते हुए भरोसा दिलाया था कि उद्यान वालों का अहित नहीं होने देंगे। उद्यान को नए विभाग में कृषि से पहले रखा जाएगा। इस बीच मंत्री ने कड़ा रुख भी दिखाया। तब कर्मचारी नेता मौन साधे रहे। उधर मंत्री सुबोध के देहरादून रवाना होते ही एकीकरण के खिलाफ मुखर कर्मचारी नेताओं ने चुप्पी तोड़ विरोध जारी रखने का ऐलान किया है। संयुक्त उद्यान कार्मिक संगठन अध्यक्ष कृष्ण चंद्र बुधानी ने कहा कि एकीकरण का समर्थन कतई नहीं किया जाएगा। मांग उठाई कि यदि विलय किया भी जाता है तो उद्यान को नए विभाग में अधिक महत्व दिया जाए। साथ ही बजट आदि की जिम्मेदारी उद्यान निदेशक के हाथ में रखी जाए।
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