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अतिवृष्टि से रिवाड़ी में दहशत

संवाद सहयोगी, चौखुटिया : तहसील अंतर्गत रिवाड़ी गधेरे ने ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ा दी है। बार-बार गध

By JagranEdited By: Published: Mon, 26 Jun 2017 06:56 PM (IST)Updated: Mon, 26 Jun 2017 06:56 PM (IST)
अतिवृष्टि से रिवाड़ी में दहशत
अतिवृष्टि से रिवाड़ी में दहशत

संवाद सहयोगी, चौखुटिया : तहसील अंतर्गत रिवाड़ी गधेरे ने ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ा दी है। बार-बार गधेरा उफन आने से लोग दहशत के साए में जीने को विवश हैं। रविवार की देर सायं हुई भारी बारिश से रिवाडी गधेरे ने फिर रौद्र रूप ले लिया। मकानों के आंगन व कमरों में पानी व मलबा घुस गया था। दहशत से कई परिवार तो घर छोड़ सुरक्षित स्थानों पर चले गए। बारिश थमने के बाद ही ग्रामीणों ने राहत की सांस ली।

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एक महीने के अंतराल में रिवाड़ी गांव में प्राकृतिक आपदा की यह तीसरी घटना है। बरसात के सीजन से पूर्व ही इस तरह की घटना को ग्रामीण अनहोनी के तौर देख रहे हैं। ऐसे में गांव के लोग दहशत के साए में जीने को विवश हैं। रविवार देर सायं करीब नौ बजे से बादलों की गर्जना व चमक के बीच तेज बारिश शुरू हुई। कुछ ही देर में रिवाड़ी गधेरा तेज प्रवाह के साथ मलबा व कीचड़ा बहा ले आया। जो मकानों के आंगन व कमरों में घुसने लगा। ऐसे में ग्रामीण सकते में आ गए एवं गांव में भगदड़ मच गई। बचाव के लिए कई लोग तो घरों से बाहर निकल सुरक्षित स्थानों पर चले गए।

देखते ही देखते आनंद सिंह, हयात सिंह बीरेंद्र सिंह, महेंद्र सिंह, भवान सिंह, कृष्णा नंद, प्रेम सिंह व नंदन सिंह घरों के आंगन मलबे व कीचड़ से पट गए। नरेंद्र सिंह की दुकान में पानी घुसने से सामान बर्बाद हो गया। दो घंटे बाद बारिश थमने पर ही ग्रामीणों को राहत मिली। सोमवार सुबह से ही ग्रामीण आंगन व कमरों से मलबा हटाने में जुट गए। एसडीएम फिंचा सिंह चौहान व तहसीलदार ओमबीर सिंह ने स्थिति का जायजा लिया। बचाव के उपायों को लेकर ग्रामीणों से रायशुमारी की। जेसीबी मशीन व डंपर से गधेरे में जमा मलबा हटाया गया। लाइन टूट जाने से दूसरे दिन भी गांव की पेयजल बाधित रही तथा रास्ते भी मलबे से पटे हैं।

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दैवीय प्रकोप मान रहे हैं ग्रामीण

बिजरानी-रिवाड़ी क्षेत्र में हो रही अतिवृष्टि व बार बार रिवाड़ी गधेरा उफन आने को ग्रामीण दैवीय प्रकोप मान रहे हैं। ग्रामीण देव पूजन की तैयारी में भी हैं। गांव के 96 वर्षीय बयोवृद्ध बख्तावर सिंह नेगी का कहना है कि मैं अपने जीवन में अबकी बार ही गधेरे का रोद्र रूप देखा है। नहीं इससे पूर्व के बुजुर्गो से कुछ सुना। बरसात में गधेरा जरूर आता रहा है, लेकिन ऐसा नुकसान नहीं हुआ।

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मांगों पर नहीं हुई कार्रवाई

रिवाड़ी निवासी एवं जिला पंचायत सदस्य गजेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि उनके द्वारा गत 24 जून को अल्मोड़ा आगमन के दौरान सीएम त्रिवेंद्र रावत को रिवाड़ी व बिजरानी में बाढ़ नियंत्रण कार्य के लिए ज्ञापन दिया गया है, लेकिन अभी तक इस दिशा में पहल नहीं हो पाई है। ऐसे में क्षेत्र में गधेरों से बरसात में कोई बड़ा हादसा हो सकता है। उन्होंने बाढ़ नियंत्रण के उपाय को ठोस कदम उठाने की मांग की है।

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ग्रामीणों की मांगें

=रिवाड़ी गधेरे के उद्गम क्षेत्र-पहाड़ी से अंतिम छोर तक भू सर्वेक्षण कराया जाए।

=बाढ़ नियंत्रण सुरक्षा का समुचित प्रबंधन करने की मांग

=बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग-87 के अंतर्गत बिजरानी व रिवाड़ी गधेरों के पास सड़क के इर्द-गिर्द एकत्र मलबे का निस्तारण।

=रामपुर-कुनीगाड़ मोटर मार्ग अंतर्गत रिवाड़ी गधेरे पर बने कलमठ को ऊंचा किया जाए।

=गांव की बाधित पेयजल योजना को तुरंत सुचारू किया जाए।

=गांवों में वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में आपदा मद से राहत कार्यो हेतु पांच लाख की राशि अवमुक्त की जाए।


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