अब दोहन नहीं, वक्त है प्रकृति के पोषण का : कोहली
अल्मोड़ा : मिजोरम के पूर्व राज्यपाल एआर कोहली ने कहा, पहाड़ हमारे जीवन का आधार है। प्रकृति की एक ऐसी
अल्मोड़ा : मिजोरम के पूर्व राज्यपाल एआर कोहली ने कहा, पहाड़ हमारे जीवन का आधार है। प्रकृति की एक ऐसी सौगात जिसका ऋण कभी चुकाया नहीं जा सकता। सबसे शुद्ध हवा व पानी यहीं मिलता है। यह भी कहा कि पिछली कुछ पीढि़यों से प्रकृति का जिस तेजी से दोहन किया गया, अब उसके पोषण की जरूरत है। ठीक वैसे ही जैसे स्वस्थ जीवन के लिए पोषण जरूरी होता है। बेहतर स्वास्थ्य व फल फूल की खेती पर खास जोर देते हुए पूर्व राज्यपाल बोले, पहाड़ वाले भाग्यशाली हैं। शिक्षा के उच्च स्तर का हवाला देते हुए उन्होंने कुपोषण मुक्त भारत व खुशहाल उत्तराखंड के लिए बुद्धिजीवियों की नगरी अल्मोड़ा से नई शुरूआत का आह्वान भी किया।
उत्तरायण फाउंडेशन (फेथ) फॉर एक्शन इनिश्एिटिव एंड ट्रेनिंग इन हेल्थ केयर एंड एजुकेशन की ओर से शुक्रवार सायं शारदा पब्लिक स्कूल के सभागार में व्याख्यानमाला में बतौर मुख्य अतिथि पूर्व राज्यपाल कोहली ने स्वास्थ्य खासतौर पर कुपोषण के खात्मे पर जोर दिया। अपने कार्यकाल में मिजोरम का उदाहरण देते हुए कहा, वहां फल उत्पादन, मत्स्य आदि व्यवसाय 10 से बढ़कर 90 फीसद पहुंच गया है। कुपोषण से दूर मिजोरम ने 2014 में राष्ट्रीय फुटबॉल चैंपियनशिप जीत मिसाल पेश की।
उन्होंने कहा, बेशक मौसम बदला है। पहाड़ में सूखा कभी अतिवृष्टि बड़ी चुनौती है। मगर मौसम की मार से बचने को वैज्ञानिक तकनीक से खेती के जरिये खुशहाल बन सकते हैं। बेहतर स्वास्थ्य की वकालत करते हुए कहा कि बुद्धिजीवियों के नगर में डॉ. ओपी यादव बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं लेकर आए हैं। इससे ग्रामीणों को बड़ा लाभ होगा।
विशिष्ट अतिथि उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता एवं भजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता नलिन सत्यकाम कोहली ने केंद्र सरकार की उपलब्धियां गिनाई। कहा कि देश बदल रहा है। स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार हो या कृषि, दीर्घकालीन योजना के बूते बहुत जल्द बदलाव नजर आएगा। हालांकि उन्होंने माना कि कृषि से जुड़ी समस्याएं गंभीर हैं। पलायन से समस्या और बढ़ी है। कहा कि देशभर में सौ कोल्ड स्टोर खोलने की तैयारी की जा रही है। शराबबंदी पर बोले कि समाज को ही पहल करनी होगी। हरियाणा, बिहार आदि में शराबंदी से और नशे व अवैध कारोबार में वृद्धि हुई है। यह भी कहा कि हर समस्या का समाधान तो है लेकिन इससे कोई जुड़ना नहीं चाहता। हमें खुद पर नियंत्रण कर ऐसी कुरीतियों से निपटना होगा। उत्तरायण फाउंडेशन अध्यक्ष व सदस्य गविर्निग बॉडी डॉ. ओपी यादव ने कहा, जैसा सुना था बुद्धिजीवियों की नगरी उतनी ही जागरूक भी है। उन्होंने कहा, स्वस्थ समाज व खुशहाली आदि विषयों को लेकर अब सप्ताह में तीन दिन सीधा संवाद होगा। इससे उत्तरायण फाउंडेशन के चिकित्सालय के विधिवत उद्घाटन की पूर्व संध्या पर पूर्व दीप जलाकर व्याख्यानमाला का शुभारंभ किया गया।
कार्यक्रम में निदेशक अंतरिक्ष केंद्र प्रो. राजेंद्र डोभाल, विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के पूर्व निदेशक डॉ. जगदीश भट्ट, डॉ. उषा यादव, प्रो. दिवा भट्ट, डॉ. तनुजा नौटियाल, डॉ. सैयद अली हामिद, डॉ. शमशेर सिंह बिष्ट, वसुधा पंत, विनीता लखचौरा आदि मौजूद रहीं।
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