शासनादेश के बाद भी नहीं लगी पेंशन
संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा: उत्तराखंड स्वतंत्रता संग्राम सेनानी उत्तराधिकारियों में इस बात को लेकर आक्रोश
संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा: उत्तराखंड स्वतंत्रता संग्राम सेनानी उत्तराधिकारियों में इस बात को लेकर आक्रोश है कि शासनादेश के बाद भी उनकी कुटुंब पेंशन नहीं लग सकी। संगठन की उपेक्षा का आरोप लगाया। संगठन के अल्मोड़ा इकाई की बैठक में समस्याओं के निदान के लिए भावी रणनीति पर चर्चा हुई।
यहां गांधी पार्क चौघानपाटा में संपन्न बैठक में संगठन पदाधिकारियों ने कहा कि शासन द्वारा स्वतंत्रता सेनानियों के उत्तराधिकारियों को कुटुंब पेंशन देने के लिए कुछ माह पूर्व शासनादेश जारी किया। इसके आधार पर स्वतंत्रता संग्राम उत्तराधिकारियों ने संबंधित विभाग में आवेदन प्रस्तुत किए। मगर महीनों बीत गए, अभी तक पेंशन नहीं लगी। आरोप लगाया कि उन्हें इस पेंशन से वंचित किया जा रहा है। कुटुंब पेंशन के लिए पात्र उत्तराधिकारियों से आवश्यक दस्तावेजों के साथ आवेदन पत्र संबंधित विभाग में जमा करने को कहा गया, ताकि इसके लिए संघर्ष किया जा सके। यह आरोप भी लगाया कि उत्तराधिकारियों को अस्पतालों में दवाईयां के लिए लोकल पर्चेच सुविधा नहीं दी जा रही। बैठक में एक गंभीर मामला भी उठा। जिसमें सदस्य पीपी पांडे ने कहा कि उनके पिता स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे और उन्हें केंद्रीय पेंशन मिलती थी। उनकी मौत के बाद तीन साल बीत गए, मगर अभी तक उनकी माता को पेंशन नहीं मिली। इस मामले पर संबंधित विभाग में कई बार संपर्क किया जा चुका है, मगर संतोषजनक जवाब नहीं मिल पा रहा है। तय किया कि समस्याओं पर संगठन का शिष्टमंडल जिलाधिकारी से वार्ता करेगा। इसके बाद अगली रणनीति पर अमल होगा। बैठक की अध्यक्षता संगठन के अध्यक्ष कमलेश पांडे व संचालन मंत्री कैलाश वर्मा ने किया। बैठक में संगठन के सचिव दीपक कुमार तिवारी, प्रकाश अधिकारी, शिवशंकर बोरा, गणेश गोस्वामी, किशोर बंगारी आदि ने विचार रखे।