जगह-जगह गंदगी के ढेर, प्रशासन मौन
संवाद सूत्र, ताड़ीखेत, (रानीखेत) : स्वच्छ भारत मिशन का कस्बे में दम तोड़ता नजर आ रहा है। संवेदनहीनता क
संवाद सूत्र, ताड़ीखेत, (रानीखेत) : स्वच्छ भारत मिशन का कस्बे में दम तोड़ता नजर आ रहा है। संवेदनहीनता का आलम यह है कि लोग कूड़े कचरे का सही निस्तारण के बजाय सार्वजनिक स्थलों पर फेंक रहे हैं। रही-सही कसर प्रशासन ने पूरी कर दी है। बाजार व हाईवे से लगे क्षेत्रों में कंटेनर नहीं लगाए जाने से कस्बे में सढ़ांध परेशानी का सबब बन गई है। अब जबकि गर्मी का सीजन शुरू होने को है, बजबजाती गंदगी से संक्रामक रोगों का खतरा भी बढ़ रहा है।
लगभग तीन हजार की आबादी वाले ताड़ीखेत कस्बे में सफाई व्यवस्था भगवान भरोसे है। यहां न तो कूड़ेदान ही लगे हैं और न सफाई कर्मचारी। लोग अपने घरों का कूड़ा एक स्थान पर न डालकर विद्या मंदिर, मार्डन पब्लिक स्कूल, शिशु मंदिर, जीआईसी व जीजीआइसी को जाने वाले रास्तों पर फेंक रहे हैं। कूड़े का ढेर जमा होने से जहां स्कूली बच्चों व आवाजाही करने वालों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं गंदगी से उठने वाली बदबू के कारण बीमारी का डर भी सता रहा है। इसके अलावा मुख्य सड़क पर भी कई स्थानों पर कूड़ा स्वच्छ अभियान को ठेंगा दिखा रहा है। व्यापार मंडल अध्यक्ष बहादुर सिंह रावत के अनुसार लोगों से कई बार कूड़ा एक स्थान पर फेंकने का आह्वान कर चुके हैं। बजट के अभाव में कस्बे में सफाई कर्मचारी नहीं रखा जा रहा है। उन्होंने लोगों से कूड़े को एक स्थान पर फेंकने का आह्वान कर जिला पंचायत से कस्बे में कंटेनर लगाने की मांग की है।