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वनाग्नि शमन को बजट ऊंट के मुंह में जीरा

डीके जोशी, अल्मोड़ा : वन महकमे का फायर सीजन शुरू हो गया है लेकिन वन प्रभागों के पास 76,897 हेक्टेयर व

By Edited By: Published: Sat, 18 Feb 2017 07:13 PM (IST)Updated: Sat, 18 Feb 2017 07:13 PM (IST)
वनाग्नि शमन को बजट ऊंट के मुंह में जीरा
वनाग्नि शमन को बजट ऊंट के मुंह में जीरा

डीके जोशी, अल्मोड़ा : वन महकमे का फायर सीजन शुरू हो गया है लेकिन वन प्रभागों के पास 76,897 हेक्टेयर वन क्षेत्र वर्तमान में जो बजट उपलब्ध है वह विषम भौगोलिक वन क्षेत्रों की अग्नि से सुरक्षा को नाकाफी साबित हो रहा है।

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जिला मुख्यालय में वन महकमे के दो प्रभाग सिविल सोयम व अल्मोड़ा वन प्रभाग स्थापित हैं। सिविल सोयम वन प्रभाग के पास 15, 815 हेक्टेयर तथा अल्मोड़ा वन प्रभाग के अंतर्गत 61,082 हेक्टेयर वन क्षेत्र आता है। चालू वित्तीय वर्ष में सिविल सोयम वन प्रभाग के पास अपने सेवित क्षेत्र में दावाग्नि नियंत्रण को छह लाख तथा अल्मोड़ा वन प्रभाग के पास मात्र पांच लाख का बजट है। जो इतने बड़े हेक्टेयर क्षेत्रफल के लिए ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रहा है। एक शासन के बड़े-बड़े अधिकारी विभिन्न गोष्ठियों व सेमीनारों में वनों को अमूल्य धरोहर तथा जीवन में इनका महत्व बताने से नहीें थकते हैं, इसके बाद भी वनों की सुरक्षा, आवश्यक उपकरणों, समय पर वन श्रमिकों की तनख्वाह के लिए समय पूर्व आवश्यक बजट की व्यवस्था नहीं की जाती है। फायर सीजन के दौरान पहाड़ में हर साल जहां अमूल्य वन संपदा को नुकसान पहुंचता है, वहीं मानव के जीवन के लिए उपयोगी जड़ी बूटी का भी नुकसान होता है।

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विगत तीन सालों में वनाग्नि की घटनाएं

प्रभाग वर्ष घटनाएं प्रभावित क्षेत्रफल

अल्मोड़ा प्रभाग 2014 25 32.85

सिविल सोयम - 6 11.25

अल्मोड़ा प्रभाग 2015 8 13

सिविल सोयम - 12 35.30

अल्मोड़ा प्रभाग 2016 116 299.35

सिविल सोयम - 36 110.75

(नोट : वन का प्रभावित क्षेत्रफल हेक्टेयर में है।)

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फायर सीजन में वनों को अग्नि से बचाने के प्रति वन महकमा गंभीर है। इसके लिए उचित तैयारी की गई है। वन कार्मिकों को विस्तार से इसका प्रशिक्षण पूर्व में ही दिया जा चुका है। इसमें पूरे मनोयोग के साथ ग्रामीणों का भी सहयोग आवश्यकीय है।

-आरसी शर्मा, डीएफओ, सिविल सोयम वन प्रभाग, अल्मोड़ा


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