पानी ने फेरा पर्यटन विकास पर पानी
संवाद सूत्र, मानिला : उत्तराखंड के तमाम विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों की तरह ही प्रकृति ने मानिला को
संवाद सूत्र, मानिला : उत्तराखंड के तमाम विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों की तरह ही प्रकृति ने मानिला को भी अपनी असीम प्राकृतिक सुंदरता से नवाजा है। विश्व प्रसिद्ध कार्बेट नेशनल पार्क से जुड़े होने, विभिन्न प्रजातियों के पक्षियों, जंतुओं के रैनबसेरे एवं मिश्रित वनों से आच्छादित मानिला क्षेत्र में पेयजल की गंभीर समस्या है। इसकी वजह से यहां अब तक पर्यटन विकास को पंख नही लग पाए।
राज्य के अस्तित्व में आने के बाद मानिला क्षेत्र के युवाओं के मन में भी पर्यटन व्यवसाय के जरिये जीविकोपार्जन कर पलायन को रोकने की चाहत रही, परंतु विगत सोलह वर्षो में आती-जाती सरकारों ने इस क्षेत्र को कभी फल पट्टी तथा कभी पर्यटन क्षेत्र विकसित करने की मात्र हवाई घोषणाएं कर वोट से राजनीतिक फायदा लिया। पेयजल समस्या के निवारण की बात कहें तो मानिला में वर्ष 2011 में लगभग 42 करोड़ की लागत वाली बरकिंडा मानिला पंपिंग पेयजल योजना एवं सल्ट क्षेत्र के लिए वर्ष 2015 में शशीखाल कोटेश्वर पंपिंग पेयजल योजना का निर्माण हुआ परंतु दोनों ही योजनाएं अभी निर्माणाधीन अवस्था में ही हैं। वहीं पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2002 में मानिला में मार्गीय सुविधा केंद्र एवं वर्ष 2009 में पर्यटक आवास गृह का निर्माण किया गया, परंतु पानी के अभाव में आवास गृह पर्यटकों की राह तक रहा है। हालांकि यहां के युवाओं ने निजी स्तर पर छोटे रेस्तरां बनाकर तथा टैंकरों से पानी की व्यवस्था कर पर्यटकों को रिझाने की कोशिश की है। सवाल यह है कि कब तक राजनेता जनता की समस्याओं का निवारण कर पलायन एवं रोजगार उपलब्ध कराने के अपने वादों कर खरे उतरेंगे।