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स्कूल भवन पर जांच की आंच

संवाद सूत्र, ताड़ीखेत (रानीखेत) : लाखों की लागत से बने जीजीआइसी स्कूल भवन वित्तीय अनियमितता के घेरे

By Edited By: Published: Wed, 18 Jan 2017 06:12 PM (IST)Updated: Wed, 18 Jan 2017 06:12 PM (IST)
स्कूल भवन पर जांच की आंच
स्कूल भवन पर जांच की आंच

संवाद सूत्र, ताड़ीखेत (रानीखेत) : लाखों की लागत से बने जीजीआइसी स्कूल भवन वित्तीय अनियमितता के घेरे में हैं। अभिभावकों की शिकायत पर डीएम की अध्यक्षता वाली जांच टीम ने बुधवार को अचानक छापा मार कर मुआयना किया। इस दौरान कक्षों के निर्माण में मानकों की अनदेखी, गुणवत्ता का अभाव आदि तमाम घपले पकड़े गए। यह भी खुलासा हुआ है कि सुरक्षा कारणों से विद्यालय प्रबंधन समिति ने कार्यदायी संस्था से भवन अपनी सुपुर्दगी में लेने से साफ मना कर दिया है। इधर जांच रिपोर्ट डीएम को भेजी जा रही है।

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करीब एक दशक पूर्व जीजीआइसी में छात्राओं के लिए चार व छह कक्षा कक्षों के निर्माण के लिए दो भवनों को मंजूरी मिली थी। दोनों की लागत करीब 80 लाख रुपये थी। चार कक्षों वाले भवन का जहां तक सवाल है, 30 लाख खर्च होने के बावजूद सुरक्षात्मक कार्य अधूरे ही छोड़ दिए गए। कागजों में वर्ष 2009 में भवन तैयार हो गया। मगर सुरक्षा दीवार व मार्ग न बनने तथा गुणवत्ता के अभाव में प्रबंधन समिति ने भवन सुपुर्दगी में लेने से साफ मना कर दिया। आरोप है कि मानकों की अनदेखी कर भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र में भवन खड़ा कर सरकारी बजट ठिकाने लगा दिया गया।

इधर सात वर्ष बाद भी भवन की सुध नहीं ली गई तो समिति ने डीएम सविन बंसल से शिकायत की। तब जांच कमेटी गठित कर तहसीलदार, सीईओ व ईई लोनिवि को निरीक्षण का जिम्मा दिया गया। मुआयने में गुणवत्ता का अभाव व मानकों के अनुरूप निर्माण नहीं पाया गया।

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खामियां मिली हैं। गुणवत्ता की भी कमी पाई गई। विस्तृत रिपोर्ट बनाकर डीएम को भेजी जा रही है। वित्तीय अनियमितता वाले पहलू को भी गंभीरता से लिया जा रहा है।

- नीतेश डागर, तहसीलदार

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भवन निर्माण में तकनीकी गड़बड़ी मिली है। कार्यदायी संस्था पेयजल निर्माण निगम से डिजाइन व अन्य चीजें मांगी हैं ताकि मानकों में गड़बड़ी का पता लग सके।

- नफीस, अपर सहायक अभियंता लोनिवि

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एक तरफ बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नारा दिया जा रहा। वहीं बालिकाओं की सुरक्षा से खिलवाड़ कर बगैर भूगर्भीय सर्वे के भवन बना दिया गया। सुरक्षा दीवार व मार्ग तक नहीं बनाया। भूस्खलन का खतरा अलग से है। जब तक गुणवत्ता के साथ सुरक्षात्मक कार्य नहीं कराए जाते भवनों को सुपुर्दगी में नहीं लेने दिया जाएगा।

- मंजू पांडे, पीटीए अध्यक्ष


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