मोटर मार्गो की निगहबानी करेगी निगरानी कमेटी
संवाद सहयोगी, रानीखेत : पर्वतीय अंचल में सड़कों के निर्माण की आड़ में अब कार्यदायी संस्थाएं धड़ल्ले से
संवाद सहयोगी, रानीखेत : पर्वतीय अंचल में सड़कों के निर्माण की आड़ में अब कार्यदायी संस्थाएं धड़ल्ले से धांधली नहीं कर पाएंगी। पूर्व में एडीबी आपदा के तहत करोड़ों खर्च करने के बावजूद जनपद में निर्माणाधीन 15 प्रमुख मोटर मार्गो को आधा-अधूरा छोड़ दिए जाने तथा बजट के दुरूपयोग के मद्देनजर प्रशासन ने अब कड़ा रुख अपना लिया है। नए सिरे से खाका तैयार कर सड़कों की गुणवत्ता व वित्तीय अनियमितता पर अंकुश के लिए 20 सदस्यीय निगरानी कमेटी गठित कर दी गई है। जो लगातार निर्माण पर नजर रखेगी। यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि सड़कों की आड़ में मुनाफाखोरी पर संबंधित कार्यदायी संस्था को सीधे ब्लैक लिस्ट कर दिया जाएगा।
याद रहे कि जनपद में 217 करोड़ रुपये की लागत से 15 सड़कों का निर्माण किया जाना था। मगर कई माह बीतने पर भी कार्य पूरा होना तो दूर मोटर मार्गो की गुणवत्ता पर ही सवालिया निशान लग गए। आलम यह रहा कि तमाम क्षेत्रों में बनने के साथ ही सड़कें ध्वस्त होने लगी। 'दैनिक जागरण' ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था। तब प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाते हुए दिल्ली की एक कार्यदायी संस्था को निलंबित कर काम छीन लिया था।
इधर जिले की इन सभी सड़कों का निर्माण नए सिरे से करवाने तथा संभावित घपले की पुनरावृत्ति को देखते हुए रवैया सख्त कर लिया है। लगातार निगरानी के लिए बाकायदा ईई एडीबी आपदा अनिल पांगती की अध्यक्षता में 20 सदस्यीय टीम गठित कर दी गई है।
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पूर्व में जिस कार्यदायी संस्था को निर्माण का जिम्मा दिया गया था वित्तीय अनियमितता पर उसे निलंबित कर दिया गया। पहाड़ में सुदूर गांवों को सड़क सुविधा शीघ्र मिल सके, इसके लिए नए सिरे से बांड भरा लिए गए हैं। तय समयावधि के भीतर गुणवत्तायुक्त कार्य तथा घपले पर अंकुश के लिए कमेटी कड़ी नजर रखेगी।
- अनिल पांगती, ईई एडीबी आपदा, रानीखेत खंड