मुनाफे के फेर में चीर डाला पहाड़ ा सीना
संवाद सहयोगी, रानीखेत : पर्वतीय क्षेत्रों में सड़कों का निर्माण मुनाफाखोरी का जरिया बन गया है। आल
संवाद सहयोगी, रानीखेत : पर्वतीय क्षेत्रों में सड़कों का निर्माण मुनाफाखोरी का जरिया बन गया है। आलम यह है कि बुनियादी सुविधा मुहैया कराने की आड़ में पहाडि़यों का सीना चीर भूस्खलन सरीखे हालात पैदा कर मानव जनित आपदा को न्यौता दिया जा रहा। शहीद बलवंत सिंह भुजान वर्धो मोटरमार्ग इसकी बानगी भर है। सड़क के लिये अतिसंवेदनशील पहाड़ी पर अवैध खदान कर पत्थरों का खेल बेधड़क चल रहा है। वहीं मुनाफे के फेर में गुणवत्ता पर भी सवाल उठने लगे हैं।
2012 की आपदाकाल से बदहाल पड़े शहीद बलवंत सिंह भुजान रोड के पुनर्निर्माण के लिए चार करोड़ का बजट स्वीकृत हो चुका है। मगर कार्य शुरू होते ही सवालों के घेरे में आने लगा है। ग्रामी णों का आरोप है कि निर्माण में मिट्टी मिश्रित रेत का इस्तेमाल तो किया ही जा रहा। मोटे मुनाफे के फेर में सड़क से सटी पहाड़ी से खदान कर अवैध रूप से पत्थर तक निकाला जा रहा।
आरटीआई कार्यकर्ता दिलीप सिंह बोहरा के अनुसार इसी तरह पहाड़ी पर प्रहार होते रहे तो भविष्य में भूस्खलन का खतरा नई मुसीबत पैदा कर सकता है। उन्होंने कहा कि भारी भरकम रकम स्वीकृत करने के बावजूद सड़क सुविधा की आड़ में ठेकेदार के लोग पहाड़ी का अवैज्ञानिक ढंग से कटान कर नई मुसीबत को बढ़ावा दे रहे। अन्य ग्रामीणों ने भी सरकारी धन को ठिकाने लगाने की कोशिश का आरोप लगाते हुए निर्माण कार्यो की गुणवत्ता की जांच पर जोर दिया है।
'पहाड़ी का अवैधानिक कटान कर पत्थर किसकी अनुमति से निकाले जा रहे हैं, जांच कराएंगे। जल्द ही स्थलीय निरीक्षण कर निर्माण कार्यो की गुणवत्ता भी चेक की जाएगी। अवैध खदान से जुड़े संबंधित लोगों के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाएंगे।
- धन सिंह कुटियाल, अधिशासी अभियंता लोनिवि'