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धूल के गुबार से होटलों पर पड़े पर्दे

संवाद सहयोगी रानीखेत/गरमपानी: अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे (एनएच 87) का चौड़ीकरण का कार्य शुस् होते ही

By Edited By: Published: Thu, 29 Sep 2016 01:00 AM (IST)Updated: Thu, 29 Sep 2016 01:00 AM (IST)
धूल के गुबार से होटलों पर पड़े पर्दे

संवाद सहयोगी रानीखेत/गरमपानी: अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे (एनएच 87) का चौड़ीकरण का कार्य शुस् होते ही दुश्वारियां बढ़ने लगी हैं। हाईवे पर लगातार लग रहा जाम तथा पहाड़ी के कटान से गिर रहे मलबे से उठता धूल का गुबार मुसीबत का सबब बन गया है। कोसी घाटी का व्यापार चौपट हो गया है। धूल से बचने को दुकानें तिरपाल से ढक दी गई हैं तो कईयों ने रेस्तरां व ढाबों पर ताले लगा दिए हैं। दूसरी ओर कटान से निकल रहा कई टन मलबा अवैज्ञानिक तरीके से कोसी नदी में गिराया जा रहा है।

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राष्ट्रीय राज मार्ग में 37 करोड़ स्पए की लागत से काकड़ीघाट से खैरना तक (10 किमी) तक चौड़ीकरण का कार्य किया जा रहा है। भारी भरकम पॉकलैंड तथा जेसीबी मशीनों से पहाड़ी काटी जा रही है। जिससे एक ओर हाईवे पर जाम की स्थिति पैदा हो रही है। वहीं पहाड़ी से काटे गए मलबे का ढ़ेर हाईवे पर जमा होने से दिन भर धूल के गुबार उठ रहे हैं। जिस कारण कई रेस्तरां मालिकों ने अपनी दुकानें बंद कर दी हैं तो कईयों ने दुकानें तिरपाल से ढक दी हैं। स्थानीय व्यवसायियों ने अवैज्ञानिक तरीके से पहाड़ी काटने तथा मलबा इधर उधर फेंकने पर रोष व्यक्त किया है। कहा कि इससे घाटी के आबादी क्षेत्रों में धूल से लोगों का जीना दुभर हो गया है। इसके अलावा व्यापारी नेता महेंद्र सिंह व अन्य स्थानीय बाशिंदों ने कोसी नदी में रोजाना गिराए जा रहे कई टन मलवे का भी विरोध किया है।

==इंसेट==

'हाईवे पर चौड़ीकरण वाले स्थल का शीघ्र निरीक्षण किया जाएगा तथा कार्यदायी संस्था को व्यवस्थाएं दुस्स्त रखने के निर्देश दिए जाएंगे। पहाड़ी से निकल रहे मलवे को कोसी नदी में न डालने के कड़े निर्देश दिए गए हैं। यदि ऐसा पाया गया तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

-प्रमोद कुमार, उपजिलाधिकारी कोश्या कुटोली'


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