अमेरिकन आर्मी में धड़क रहे ¨हदुस्तानी दिल
मनीष साह, रानीखेत अमेरिकी सेना में भारतीय दिलदारों की धाक लगातार बढ़ रही है। अमेरिकन आर्मी में ले
मनीष साह, रानीखेत
अमेरिकी सेना में भारतीय दिलदारों की धाक लगातार बढ़ रही है। अमेरिकन आर्मी में लेफ्टिनेंट चंडीगढ़ की दिलेर जसमीत कौर व उसकी छोटी बहन स्टाफ सार्जेट बलरीत कौर हो या भटिंडा का डेटोनेटर स्पेशलिस्ट गुरप्रीत सिंह गिल (तीनों पंजाब)। अमेरिकन आर्मी में ¨हदुस्तानी जांबाजों का जलवा लगातार बढ़ रहा है। इसी फेहरिस्त में शामिल है मोदी के गुजरात का बाबरिया प्रतीक। वहीं अमृतसर की मंजू वेग।
भारत एवं अमेरिका के संयुक्त सैन्य युद्ध अभ्यास के बहाने ही सही, अपनी जमीन पर आए भारतीय मूल के अमेरिकी कमांडो 'जागरण' से रूबरू हुए। मातृभूमि का जिक्र छिड़ा तो अपने देश के प्रति प्रेम तो उमड़ पड़ा। अहमदाबाद (गुजरात) में 18 सितंबर 1982 में जन्मे पिता काजीभाई व माता शोभा बेन के बेटे बाबरिया प्रतीक वर्ष 2014 में अमेरिकी सेना में भर्ती हुए। प्रतीक वर्तमान में अमेरिकी सेना में विशेषज्ञ कमांडो पद पर तैनात हैं। वह भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुरीद हैं। कहते हैं कि मोदी ने देश का दुनिया के सामने नई ताकत के रूप में पेश किया है।
खास बात कि प्रतीक वर्ष 2014 में विवाह बंधन में बंधा तो संस्कार व परंपराएं नहीं भूला। उसने अमेरिका में रह कर भी अपने ही गुजरात की दया के साथ शादी की। वह भी अमेरिका में ही रहती है। बाबरिया प्रतीक कहते हैं कि अमेरिकी सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद वह भारत में आकर देशसेवा करना चाहता है।
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अमृतसर की बेटी मंजू वेग है मेजर
अमृतसर की मंजू वेग पढ़ाई के लिए अपने व्यवसायी भाई के साथ अमेरिका गई। वर्ष 2000 में अमेरिकन सेना में भर्ती हुई। व्यवसायी पिता केवल वेग व गृहणी माता कमलेश की बेटी मंजू वेग भी अमेरिकी सेना में मेजर पद पर तैनात हैं। 29 जुलाई 1986 में कमलेश वेग की बेटी मंजू दो बहनों व भाई में सबसे बड़ी है। हाईस्कूल तक अमृतसर में ही पढ़ाई की। मंजू वेग कहती हैं कि कड़ी मेहनत से सब कुछ हासिल किया जा सकता है। युद्धाभ्यास के दौरान भारतीय सैनिकों के साथ पहले अनुभव को वह बड़ा सौभाग्य मानती है। वह स्टाफ सार्जेट बलरीत कौर की उस बात पर मुहर लगाती है कि वर्ष 2006 तक जहां मात्र पांच छह भारतीय सैनिक ही अमेरिकन आर्मी में थी, वहीं आज उनकी महिला फौजियों की संख्या 120 जा पहुंची है।