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देववाणी संस्कृत सभी भाषाओं की जननी

संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा: देववाणी संस्कृत सभी भाषाओं की जननी है। इसके उत्थान के लिए सरकार विशेष प्रयास

By Edited By: Published: Tue, 27 Sep 2016 06:26 PM (IST)Updated: Tue, 27 Sep 2016 06:26 PM (IST)
देववाणी संस्कृत सभी भाषाओं की जननी

संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा: देववाणी संस्कृत सभी भाषाओं की जननी है। इसके उत्थान के लिए सरकार विशेष प्रयास कर रही है। यह बात उत्तराखंड संस्कृत अकादमी हरिद्वार की ओर से यहां राजकीय इंटर कालेज में आयोजित जिला स्तरीय संस्कृत प्रतियोगिता में बतौर मुख्य अतिथि संसदीय सचिव मनोज तिवारी ने कही।

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कहा कि संस्कृत रोजगारपरक होने के साथ ही एक संस्कारित भाषा भी है। कहा कि इसके उन्नयन के लिए सभी को सार्थक प्रयास करने होंगे। विशिष्ट अतिथि नगरपालिकाध्यक्ष प्रकाश जोशी संस्कृत भाषा के व्याकरण को परिपूर्ण बताया। कहा कि इस विषय को पढ़ने वाला विद्यार्थी कभी भी बेरोजगार नहीं रह सकता है। इससे पूर्व संयोजक दिनेश पंत ने प्रतियोगिता की रूपरेखा प्रस्तुत की। उद्घाटन सत्र के बाद प्रतिभागियों ने संस्कृत में नाटक, समूहगान, नृत्य, श्लोकोच्चारण, आशुभाषण व वाद-विवाद प्रतियोगिता के माध्यम से देववाणी के महत्व को रेखांकित किया। इस प्रतियोगिता में जिले के विभिन्न विकास खंडों के छात्र-छात्राएं भाग ले रही हैं। अध्यक्षता मुख्य शिक्षा अधिकारी जगमोहन सोनी व संचालन हेम चंद्र जोशी ने किया। प्रतियोगिता के आयोजन में खंड शिक्षा अधिकारी चंद्रशेखर बनकोटी, परवेज सिद्दीकी, सुशीला बोरा, ललित प्रकाश, मदन भंडारी, रमेश चंद्र सिंह धपोला, दीपक पांडे, डीसी पंत, जगदीश पांडे, निर्मल पंत, प्रमोद टम्टा, राजेश बिष्ट, माया प्रसाद उप्रेती, डॉ.एस बिष्ट, आरएस बिष्ट, अशोक रावत, आरपी पंत, हेमलता पंत, रंजना जोशी, तारा त्रिपाठी, आलोक जोशी, गंगा बिष्ट समेत विकास खंडों से आए टीम प्रभारियों ने सहयोग दिया।

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