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सहकारिता के जरिये जड़ी बूटी उत्पादन की कवायद

संवाद सूत्र, ताड़ीखेत (रानीखेत) : सहकारिता के जरिये पर्वतीय अंचल में जड़ी बूटी उत्पादन तथा पौधाल

By Edited By: Published: Sat, 27 Aug 2016 08:20 PM (IST)Updated: Sat, 27 Aug 2016 08:20 PM (IST)
सहकारिता के जरिये जड़ी बूटी उत्पादन की कवायद

संवाद सूत्र, ताड़ीखेत (रानीखेत) : सहकारिता के जरिये पर्वतीय अंचल में जड़ी बूटी उत्पादन तथा पौधालय विकसित किये जायेंगे। महिला समूहों के माध्यम से स्थानीय स्तर की नीबू आदि प्रजाति को बढ़ावा देकर बाकायदा विपणन की व्यवस्था की जायेगी। इसी सिलसिले में ब्लॉक मुख्यालय में विशेष कार्यशाला हुई। इसमें विभिन्न समूहों से जुड़ी महिलाओं को जड़ी बूटी व फल उत्पादन के बूते स्वरोजगार तथा स्वावलंबन की ओर प्रेरित किया गया।

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विकासखंड सभागार में शनिवार को कृषक ग्रामोत्थान सहकारिता समिति की ओर से कार्यशाला हुई। सहायक निबंधक (सहकारिता) सीएस पागती ने राष्ट्रीय एकीकृत सहयोग परियोजना की गहन जानकारी दी। बताया कि मनरेगा में जड़ी बूटी के साथ ही नीबू प्रजाति के पौधालय सहकारिता के जरिये विकसित किये जाने की योजना है। महिला समूहों की ओर से तैयार विभिन्न उत्पादों के विपणन की व्यवस्था के लिये हर संभव सहयोग का आश्वासन भी दिया। उन्होंने इंदिरा अम्मा भोजनालय की स्थापना, महत्व तथा महिलाओं को स्वरोजगार की दिशा में मिलने वाले लाभ भी गिनाए।

कार्यशाला में सहित ऐराडी, पपना, उड़ी, तौड़ा, थापला आदि क्षेत्रों में कार्यरत करीब 25 महिला समूह की प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। इस मौके पर एडीओ सहकारिता एसके अनुरागी, डॉ. एचबी पंत, मदन मोहन तिवारी, महेश पाडे, संजीव बिष्ट, खुशाल सिंह नेगी, पूरन नेगी, तनुजा कुंवर, शोभा देवी, गीता रोतेला, भावना बिष्ट, उषा देवी आदि मौजूद रहीं।


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