दो वर्ष, 3.60 करोड़ स्वाहा नतीजा सिफर
संवाद सहयोगी, रानीखेत : दो वर्ष, 3.60 करोड़ स्वाहा और नतीजा सिफर। पर्वतीय जिलों में सड़क निर्माण मे
संवाद सहयोगी, रानीखेत : दो वर्ष, 3.60 करोड़ स्वाहा और नतीजा सिफर। पर्वतीय जिलों में सड़क निर्माण में बजट की बाजीगरी के नित नए खुलासों के बीच अब सौनी ड्योड़ाखाल चौगांव मोटर मार्ग सरकारी बजट ठिकाने लगाने का सबूत दे रहा है। लंबी अवधि बीतने के बावजूद करोड़ों खर्च कर डामरीकरण तो दूर सड़क की सोलिंग तक दुरुस्त नहीं है। आलम यह है कि कीचड़ से सनी निर्माणाधीन रोड की गुणवत्ता कितनी ठीक रखी गई है, टूटते किनारे वास्तविकता बयां कर रहे। दुर्घटनाओं का खतरा सो अलग।
ताड़ीखेत विकासखंड के सुदूर चौगांव को धार्मिक व पर्यटक स्थली सौनी से जोड़ने व बाशिंदों को सड़क सुख मिल सके, इसके लिये वर्ष 2014 में 20 किमी लंबे मोटर मार्ग को स्वीकृति दी गई। इसके लिये 11 करोड़ का भारी भरकम बजट भी मंजूर किया गया। एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) अल्मोड़ा खंड की निगरानी में निर्माण का जिम्मा दिल्ली की एक बड़ी कंपनी को दिया गया।
शुरूआत में रोड कटान कुछ तेजी से हुआ। सोलिंग के दौरान प्रगति धीमी पड़ती गई। नतीजा दो वर्ष बाद भी कार्यदायी संस्था निर्धारित लक्ष्य तक पहुंचना तो दूर सड़क को चलने लायक तक नहीं बना सकी। यह हाल तब है जब 3.60 करोड़ का बजट खर्च किया जा चुका है। मगर गुणवत्ताविहीन तथा आधी अधूरी सोलिंग के कारण पूरी सड़क पर फैला मलबा बरसात में हादसों को दावत दे रहा है।
ग्रामीण आंदोलन की तैयारी में
सड़क सुविधा के नाम पर छले जा रहे ग्रामीण अब आंदोलन के मूड में हैं। सौनी बिनसर महादेव मंदिर समिति के चंदन सिंह बिष्ट ने कहा कि विभागीय ढिलाई के कारण कार्यदायी कंपनी सरकारी धन का दुरुपयोग कर रही है। इसका खामियाजा सुदूर ड्योड़ाखाल व चौगांव के लोगों को भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि यदि इस मामले में ठोस कार्रवाई न हुई तो जनांदोलन के साथ ही मुख्यमंत्री तक शिकायत पहुंचाई जायेगी।
'सौनी ड्योड़ाखाल चौगांव रोड का निर्माण दिल्ली की एमबीएल इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनी करा रही है। जून 2017 तक इस सड़क पर डामरीकरण किया जाना है। मगर निर्माण कार्य में देरी तथा गुणवत्ता की अनदेखी पर कॉन्ट्रेक्टर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है।
- अनिल पांगती, ईई एडीबी अल्मोड़ा खंड