महिला प्रकरणों पर आयोग सख्त: अमिता
संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा: दो सप्ताह पूर्व यहां नगर व्यापार मंडल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष दीपक वर्मा की पत्
संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा: दो सप्ताह पूर्व यहां नगर व्यापार मंडल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष दीपक वर्मा की पत्नी ललिता वर्मा की प्रसव के दौरान मौत होने के मामले पर महिला आयोग उत्तराखंड ने संज्ञान ले लिया है। इसकी जांच को गुरुवार अपराह्न आयोग की उपाध्यक्ष अमिता लोहनी अल्मोड़ा पहुंची और शाम अस्पतालों के औचक निरीक्षण को पहुंची। जहां हालातों का अवलोकन किया।
अपराह्न यहां सर्किट हाउस पहुंची आयोग की उपाध्यक्ष अमिता ने नगर व्यापार मंडल, स्वर्णकार संघ व पूर्व सैनिक लीग के पदाधिकारियों से अस्पतालों की दशा व ललिता वर्मा की मौत मामले पर बातचीत की। वह यहां ललिता वर्मा की मौत की जांच की सिलसिले में पहुंची। इसके बाद शाम वह औचक निरीक्षण को महिला व जिला अस्पताल धमक गई। जहां उन्होंने लेबर रूम, वार्ड, शौचालय व पीपीसी वार्ड का निरीक्षण किया और सफाई की स्थिति देखी। उन्होंने संबंधित डाक्टर से ललिता वर्मा को रेफर करने की वजह पूछी। इस पर डाक्टर ने उन्हें बताया कि जिस दिन चेकअप को आई थी, उस दिन ललिता की स्थिति नार्मल थी और पानी गिरने की समस्या की वजह से रैफर किया गया। इसके बाद उन्होंने जिला अस्पताल में निरीक्षण किया और मरीजों से बातचीत की।
निरीक्षण के दौरान आयोग की उपाध्यक्ष ने कहा कि महिलाओं की बेमौत मौतों व महिला उत्पीड़न पर आयोग बेहद गंभीर है। आयोग पूरी निष्पक्षता से ऐसे मामलों की जांच करेगा और लापरवाही पर सख्त रुख अपनाएगा। यह भी कहा कि जरूरत पड़ी तो ललिता वर्मा की मौत प्रकरण की न्यायिक जांच कराई जाएगी। ललिता वर्मा की मौत के मामले में पहले आयोग जांच के बाद अपनी रिपोर्ट सरकार को देगा। उन्होंने कहा कि भविष्य में ऐसी लापरवाही रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे और ऐसी ही मौतों की जांच के लिए टीम गठित होगी। इससे पहले नगर व्यापार मंडल, पूर्व सैनिक लीग व स्वर्णकार संघ ने उन्हें सर्किट हाउस में ज्ञापन सौंपे और यहां स्वास्थ्य असुविधाओं से अवगत कराया। उन्होंने ललिता वर्मा की मौत के मामले की न्यायिक जांच कराने का अनुरोध किया। उनसे मिलने वालों में नगर व्यापार मंडल अध्यक्ष भैरव गोस्वामी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष दीपक वर्मा, दीपेश जोशी, सचिव मनोज सिंह पवार, मनोज सनवाल, युसुफ तिवारी, हेम तिवारी, वकुल साह, हरेंद्र वर्मा, गिरीश धवन आदि कई लोग शामिल थे।
बाहर से दवा लिखने पर नाखुशी
अस्पतालों में सफाई व्यवस्था व बाहर से दवाएं लिखने से आयोग की उपाध्यक्ष अमिता लोहनी कुछ नाखुश दिखी। उन्होंने प्रत्येक मरीज से दवा व इलाज के बारे में पूछा। उन्होंने कहा कि वह इस संबंध में अस्पतालों के वरिष्ठ अधिकारियों व स्वास्थ्य मंत्री से वार्ता करेंगी। अस्पतालों में उन्हें अधिकांश बेड खाली मिले, यह स्थितिअस्पतालों के रेफरल सेंटर होने की ओर इशारा कर रही थी।