बरसात भारी न पड़ जाए तंत्र की चूक
जागरण नेटवर्क रानीखेत/ गरमपानी: कुमाऊं की लाइफ लाइन ही नहीं पुराना चार धाम यात्रा मार्ग यानि रानीखेत
जागरण नेटवर्क रानीखेत/ गरमपानी: कुमाऊं की लाइफ लाइन ही नहीं पुराना चार धाम यात्रा मार्ग यानि रानीखेत खैरना स्टेट हाईवे की हालत भी बहुत अच्छी नहीं है। पहले गुणवत्ताविहीन कार्य और अब समय रहते सुरक्षात्मक कार्य पूरे न कराए जाने से जोखिम बढ़ने लगा है। संकटकाल में हाईवे के बंद होने पर पर्वतीय जिलों को मैदान से जोड़ने वाला यह राजमार्ग विभागीय लापरवाही से बहुत ज्यादा सुरक्षित नहीं रहा। खासतौर पर कनवाड़ी में दरक रही सड़क व पहाड़ी बरसात में नई मुसीबत बन सकती है।
दसअसल वर्ष 2010 की प्रलयकारी त्रासदी के बाद से ही कनवाड़ी की पहाड़ी के आसपास खतरा मंडराने लगा था। वर्ष 2013 में अतिवृष्टि और भू-स्खलन के चलते हालात और विकट हो गए थे। तब लाखों की लागत से स्टेट हाईवे की बुनियाद में सुरक्षात्मक कार्य करवाए गए थे। लेकिन गुणवत्ताविहीन कायरें तथा कनवाड़ी की पहाड़ी का सीना चीर पत्थरों के अवैध खदान ने खतरे को और बढ़ा दिया। अब जब बरसात सिर पर है और करोड़ों की लागत से हो रहे सुरक्षात्मक कार्य समय पर पूरा न होने से स्थिति और विकट हो गई है। बिन बरसात के इस नाजुक भूभाग के दरकने से हाईवे पर खतरा मंडरा रहा है।
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सामरिक महत्व भी है हाईवे का
रानीखेत: कुमाऊं रेजीमेंट के साथ ही भारतीय सेना की अन्य बटालियन भी इस स्टेट हाईवे का इस्तेमाल करती हैं। इस लिहाज से मार्ग का सामरिक महत्व भी है। वर्तमान में अतिसंवेदनशली कनवाड़ी की पहाड़ी के जो हालात हैं वह बरसात में कहर बरपा सकती है। इससे राजमार्ग के ढ़हने की भी आशंका है। ऐसे में आपदाकाल के दौरान सेना को भी राहत व बचाव कार्य में दिक्कत आ सकती है।
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वर्तमान में उक्त स्थान पर हो रहे सुरक्षात्मक कायरें की पूर्ण होने की समय सीमा का अवलोकन कर जिलाधिकारी को रिपोर्ट भेजी जाएगी। हाईवे पर जेसीबी तैनात कर यातायात सुचारु कराया जाएगा।
- विनीत कुमार, संयुक्त मजिस्ट्रेट, रानीखेत