आशा को सटीक जनगणना पर सम्मान
संवाद सहयोगी, द्वाराहाट : वर्ष 2011 की जनगणना के दौरान असाधारण, उत्साहपूर्वक व उच्चकोटि का कार्य करन
संवाद सहयोगी, द्वाराहाट : वर्ष 2011 की जनगणना के दौरान असाधारण, उत्साहपूर्वक व उच्चकोटि का कार्य करने के लिए पनेर गांव (बगवालीपोखर) की आशा वर्कर आशा नेगी को रजत पदक व सम्मान पत्र प्रदान किया गया है। राष्ट्रपति की संस्तुति पर जनगणना आयुक्त एवं महारजिस्ट्रार (केंद्र सरकार) डॉ. चंद्र मौलिक की ओर से यह सम्मान दिया गया है।
उत्तराखंड गठन के बाद 2011 में केंद्र के निर्देश पर दूसरी जनगणना कराई गई थी। पनेर गांव के तोक वडगल निवासी काश्तकार दीवान सिंह की पत्नी आशा वर्कर आशा नेगी की भी ड्यूटी लगाई गई थी। आशा को गगासघाटी से बगवालीपोखर तक करीब 30 गांवों की जनसंख्या जुटाने का जिम्मा दिया गया था। तय समयावधि के भीतर जनगणना के सटीक आंकड़े पेश करने तथा दायित्व का बखूबी निर्वहन की रिपोर्ट शासन ने आयुक्त (जनगणना) डॉ. मौलिक के पास भेजी गई थी। इसी आधार पर केंद्र सरकार ने असाधारण, उत्साहपूर्वक व उच्चकोटि का कार्य करने के लिए उन्हें रजत पदक के साथ ही सम्मान पत्र देने का निर्णय लिया। 12 अगस्त 2015 को राष्ट्रपति की संस्तुति के बाद महारजिस्ट्रार (केंद्र सरकार) की ओर से पदक एवं सम्मान पत्र यहां तहसील मुख्यालय पहुंचा। विधायक मदन बिष्ट ने शनिवार को बगवालीपोखर में आशा वर्कर आशा नेगी को रजत पदक व सम्मान पत्र भेंट किया। उन्होंने इसे क्षेत्र ही नहीं राज्य के लिए बड़ा गौरव बताया।
=== इंसेट===
छह माह से घूमता रहा सम्मान
बीते वर्ष 12 अगस्त को राष्ट्रपति की संस्तुति के छह माह बाद आशा वर्कर को रजत पदक व सम्मान पत्र नसीब हुआ। केंद्र से भेजा गया सम्मान तहसील पहुंचा। यहां से कानूनगो दफ्तर भेजा गया। बीती चार फरवरी को गुपचुप तरीके से पटवारी चौकी में आशा नेगी को सादे समारोह में पदक देने की रस्म अदा कर ली गई। इसका खुलासा होने पर शनिवार को विधायक मदन ने समारोहपूर्वक बगवालीपोखर में आशा वर्कर को सम्मानित किया।