हुड़के की घमक पर होगी झोड़ा-चांचरी की मस्ती
संवाद सहयोगी, रानीखेत : पांडवकालीन सभ्यता की गवाह पांडवखोली में धार्मिक मेले की रूपरेखा तय कर दी
संवाद सहयोगी, रानीखेत : पांडवकालीन सभ्यता की गवाह पांडवखोली में धार्मिक मेले की रूपरेखा तय कर दी गई है। आयोजन को विस्तार देते हुए द्वाराहाट ब्लॉक के गांवों को कौतिक से जोड़ नई परंपरा की आधारशिला रखी जाएगी। वहीं पाडंवों के आंगन में हुड़के की घमक पर झोड़ा व चांचरी की मस्ती के साथ जागर भक्तिरस का संचार करेगी।
पथ भ्रमण संघ व महंत बलवंत गिरि आश्रम सेवा समिति स्वर्गपुरी की यहां हुई संयुक्त बैठक में यह निर्णय लिया गया। तय हुआ कि 21 दिसंबर से धार्मिक मेला एवं महंत बलवंतगिरि महाराज की 22वीं पुण्य तिथि पर भंडारा किया जाएगा। पर्यटन विकास की संभावनाओं के मद्देनजर पैराग्लाइडिंग व पर्वतारोहण आदि साहसिक कार्यक्रम भी आयोजित होंगे।
संघ अध्यक्ष हरीश लाल साह ने कहा, ग्रामीणों की भागीदारी बढ़ाने के लिए गांव-गांव में न्यौता भेजा जाएगा। संचालन कर रहे एलएम चंद्रा व व्यापार मंडल अध्यक्ष यतीश रौतेला ने कहा कि 50 वर्ष से ऊपर आयु वर्ग के महिला-पुरुषों के लिए 50 मीटर दौड़ भी कराई जाएगी। युवक-युवतियोंकी सौ मीटर, चम्मच दौड़, म्यूजिकल चेयर, पासिंग बॉल, बच्चों की कला तथा मेहंदी रचाओ प्रतियोगिता भी कराई जाएगी।
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समिति बनी, जिम्मेदारी बांटी
संघ ने समिति गठित कर हरीश मनराल, दिगंबर नेगी, भुवन चंद्र साह, पुष्कर पांडे, संदीप तिवाड़ी, गोपाल सिंह, सौरभ थापा को मेले की व्यवस्था, खेल व सांस्कृतिक कार्यक्रम तथा भंडारे की जिम्मेदारी सौंपी। मो.सद्दीक, शेख सलीम, आबिद कुरैशली, राम सिंह, गोपाल सिंह, संतोष चौधरी, भुवन सती, किशन साह आदि को साज-सज्जा, पेयजल, विद्युत, साहसिक कार्यक्रमों का जिम्मा दिया गया।