कुमाऊं में रेल लाइन के मुद्दे को हवा दी
संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : सेवानिवृत्त केंद्रीय कर्मचारी कल्याण समिति ने कुमाऊं के पर्वतीय हिस्सों में
संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : सेवानिवृत्त केंद्रीय कर्मचारी कल्याण समिति ने कुमाऊं के पर्वतीय हिस्सों में रेल लाइन विस्तार नहीं होने पर कड़ी आपत्ति जताई है। सामरिक महत्व व पर्यटन विकास की दृष्टि से शीघ्र रेल लाइनों का विस्तार करने की पुरजोर मांग उठाई है। इसी आशय का ज्ञापन रेल मंत्री को भेजा है।
समिति का कहना है कि आजादी से पहले तो दूर, इसके बाद भी काठगोदाम से आगे कुमाऊं के पर्वतीय क्षेत्र में रेल लाइनों के विस्तार की ठोस पहल नहीं हुई, जबकि सीमांत होने से यह क्षेत्र सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। देश के अन्य पहाड़ी क्षेत्र दार्जिलिंग, हिमाचल, पूर्वोत्तर भारत व जम्मू कश्मीर तक रेल लाइनों का विस्तार हुआ, जबकि यह हिस्से समुद्र तल से उत्तराखंड से ज्यादा ऊंचाई पर हैं, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि उत्तराखंड के पर्वतीय हिस्सों की लगातार उपेक्षा हुई है। समिति का कहना है कि रेल लाइन का कुमाऊं में विस्तार होता, तो सुरक्षा, सामरिक दृष्टि से उचित तो होता ही, साथ जनता को यातायात की सुविधा मिलेगी और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
इसी सिलसिले में समिति के पदाधिकारियों राजेंद्र प्रसाद जोशी, एमसी आर्या, एमएस मटेला, लक्ष्मी दत्त पांडे, एनसी जोशी, केवी पांडे डीएम से मिले और उन्हें कुमाऊं के इस दुखड़े से अवगत कराया। बाद में डीएम के माध्यम से रेल मंत्री भारत सरकार को ज्ञापन भेजा। जिसमें काठगोदाम-बागेश्वर-पिथौरागढ़ रेल लाइन और रामनगर से आगे बेतालघाट, खैरना, क्वारब, अल्मोड़ा, सोमेश्वर व कौसानी होते हुए बागेश्वर तक रेल लाइन के निर्माण का रास्ता साफ करने की पुरजोर मांग उठाई है।