युवा खून में हिमालय बचाने की धुन
जागरण टीम, रानीखेत/गरमपानी : ऑल इंडिया ट्रैक शिविर में पहुंचे विभिन्न राज्यों खासतौर पर जम्मू कश्मीर
जागरण टीम, रानीखेत/गरमपानी : ऑल इंडिया ट्रैक शिविर में पहुंचे विभिन्न राज्यों खासतौर पर जम्मू कश्मीर के कैडेट्स हिमालयी राज्य की हिफाजत को ठोस नीति की हिमायत करते नजर आए। वहीं आपदा से निपटने को नियोजित विकास व प्रकृति के अनुरूप आचरण पर भी जोर दिया। पहाड़ की खूबसूरत वादियों को कुदरत की नेमत बताते हुए इसे धरोहर की भांति संजोए रखने की वकालत भी की। यही सोच उत्तर-पूर्व से लेकर लक्ष्यद्वीप, दक्षिण में केरल के युवा खून की भी रही। दूसरी ओर ट्रैकिंग के जरिये पहाड़ के दुरुह रास्तों व कठिन चुनौतियों को पार करते इन नौजवानों के जेहन में देशभक्ति का जज्बा भी दिखा। खास बात कि एनसीसी शिविर के बहाने देश के विभिन्न प्रांतों से पहुंचे इन कैडेट्स को एक-दूसरे राज्यों की संस्कृति, परंपरा, खान-पान, रहन-सहन व भाषा बोली से रूबरू होने का मौका भी मिला। 'जागरण टीम' ने देश की दूसरी रक्षापंक्ति एनसीसी के इन जवानों से बात की तो हिमालयी राज्यों के पैरोकार कैडेट्स ने फौज में जाकर देशसेवा की तमन्ना जाहिर की।
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फोटो : 10 आरकेटी पी 4
तस्वर खुर्शीद।
उत्तराखंड वाकई कश्मीर जैसा ही खूबसूरत है। लेकिन आपदा तकलीफ देती है। इसकी हिफाजत को कारगर नीति बननी ही चाहिए। कैंप में लगा जैसे पहाड़ में समूचा भारत एक हो गया।
- तस्वर खुर्शीद, जम्मू कश्मीर'
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फोटो : 10 आरकेटी पी 5
मनु केवी।
उत्तराखंड बला का खूबसूरत है। इसे धरोहर के रूप में संभाल कर रखने की जिम्मेदारी सभी की है। शिविर में एकता व अनुशासन की सीख मिली। भविष्य में फौजी बन देशसेवा की तमन्ना है।
- मनु केवी, केरल
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फोटो : 10 आरकेटी पी 6
सुशांत मलिक।
हिमालयी राज्य का ग्रामीण मेहनतकश है। इसीलिए यहां की संस्कृति समृद्ध है। पहाड़ की वादियों में हम अलग-अलग राज्यों के होकर भी एक छत के नीचे रहे। यह शानदार अनुभव रहा।
- सुशांत मलिक, उड़ीसा'
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फोटो : 10 आरकेटी पी 7
आशीष कुमार।
उत्तराखंड कभी यूपी का ही हिस्सा था। कैंप में आकर लगा जैसे फिर एक हो गये। इसे आपदा मुक्त बनाने के लिए सटीक नीति बने। पहाड़ का स्वरूप बरकरार रहना चाहिए।
- आशीष कुमार, यूपी
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फोटो : 10 आरकेटी पी 8
दिनेश रावत।
एनसीसी सेना में प्रवेश का बड़ा प्लेटफार्म है। उत्तराखंड में प्रत्येक स्कूल में एनसीसी अनिवार्य होनी चाहिए। ताकि किताबी शिक्षा के साथ सेना के प्रति रुझान बढ़े। फौज में रहकर पर्वतीय राज्य की बेहतरी के लिए काम करना चाहता हूं।
- दिनेश रावत, उत्तराखंड।े