दिल्ली के छात्रों ने पहाड़ के शिल्प को जाना
जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा : शिक्षा के साथ साथ साथ किसी भी क्षेत्र की भौगोलिक जानकारी से हासिल करना हम
जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा : शिक्षा के साथ साथ साथ किसी भी क्षेत्र की भौगोलिक जानकारी से हासिल करना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। जब तक किसी भी क्षेत्र के उद्योग, शिल्प, पर्यटन, स्थलों की जानकारी रखने से उससे संबंधित अध्ययन और पुख्ता हो सकता है।
यह बात अपर जिलाधिकारी प्रकाश चंद्र ने वास्तुकला विद्यालय नई दिल्ली से यहां पहुंचे बैचलर ऑफ प्लानिंग के अंतिम वर्ष के छात्रों के 27 सदस्यीय दल को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि शैक्षणिक भ्रमण पर आए छात्र छात्राओं को यहां की शिल्पकला, उद्योग, शिक्षा और पर्यटन के संबंध में सभी आंकड़े सावधानी पूर्वक संकलित करने होंगे। पावर प्वाइंट के माध्यम से छात्रों को जिले की स्थापना से लेकर अब तक की विकास प्रक्रिया के बारे में भी जानकारी दी गई। साथ ही उन्हें यहां के प्रसिद्ध नंदा देवी, जागेश्वर, चितई, कटारमल, कसार देवी और पुरातन ताम्र उद्योग की भी जानकारी दी गई।
अपर जिलाधिकारी ने दल में शामिल छात्र-छात्राओं से कहा कि वह अपने भ्रमण के दौरान यहां के पुराने भवनों की काष्ठ शिल्प कला का गहनता से अध्ययन करें। साथ ही एतिहासिक अल्मोड़ा जेल, डायट, अल्मोड़ा इंटर कॉलेज, एडम्स इंटर कॉलेज, डाकघर के बारे में भी से जानकारी दी। कार्यक्रम के अवसर पर प्रो. जामिल हुसैन अंसारी ने बताया कि भ्रमण कार्यक्रम में भूटान, गुजरात, रांची, उत्तरप्रदेश, हैदराबाद, तमिलनाडु, आसाम व दिल्ली के छात्र छात्राएं शामिल हैं। इस मौके पर दल के साथ यहां पहुंचे प्रो. पापिया बद्धोपाध्याय, ईओ एके वर्मा, उमेश जोशी व राकेश जोशी मौजूद रहे।