नई प्रजातियां बढ़ाएंगी कृषि पैदावार
जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा : किसानों ने फसलों की नई प्रजातियां अपनाई, तो काफी उपज पैदावार में बेहतरी क
जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा : किसानों ने फसलों की नई प्रजातियां अपनाई, तो काफी उपज पैदावार में बेहतरी की उम्मीद विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान को है। संस्थान ने हाल ही में विमोचित नई प्रजातियों को प्रदेश की कृषि उत्पादकता बढ़ाने वाली बताया है।
गौरतलब है कि विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान अल्मोड़ा की आठ नई फसल प्रजातियों का हाल में राज्य स्तरीय प्रजाति विमोचन समिति ने विमोचन किया है। इसमें गेहूं की दो प्रजातियों के अलावा जौ, धान, मंडुवा, भट्ट, मसूर व सोयाबीन की एक-एक प्रजाति शामिल है। तीन वर्ष तक राज्य स्तरीय परीक्षण के बाद इनका किसानों के खेतों में प्रदर्शन हुआ और इसमें मानक प्रजाति से 10 फीसद अधिक पैदावार मिली। तभी इनका विमोचन हो पाया। विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान से मिली जानकारी के अनुसार नई प्रजातियों में शामिल वीएल गेहूं 953 की खासियत है कि यह मैदानी व पहाड़ी दोनों क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है। इसके अलावा अन्य सभी प्रजातियां रोग प्रतिरोधी हैं और पहाड़ी क्षेत्रों में अच्छी पैदावार देने वाली हैं। संस्थान के अनुसार इन प्रजातियों से किसान अपनी फसल पैदावार बढ़ाकर अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं। साथ ही इससे राज्य की उत्पादकता बढ़ेगी।
नई प्रजाति पहाड़ में उत्पादकता
वीएल गेहूं-953 33.41
वीएल जौ-94 18.21
वीएल धान-156 24.26
वीएल मंडुवा-348 18.77
वीएल सोयाबीन-77 19.70
वीएल मसूर-516 11.59
वीएल भट्ट-201 16.42
(उत्पादकता कुन्तल प्रति हेक्टेअर में है)