भिकियासैंण और सल्ट में धधके जंगल
भिकियासैंण/मौलेखाल : विकास खंड भिकियासैंण और सल्ट में इन दिनों जंगल भीषण आग की चपेट में हैं। दावाग्न
भिकियासैंण/मौलेखाल : विकास खंड भिकियासैंण और सल्ट में इन दिनों जंगल भीषण आग की चपेट में हैं। दावाग्नि की घटनाओं के कारण कई जंगल धू-धू कर जल रहे हैं, तो कई जंगल दावाग्नि की भेंट चढ़ गए हैं। लेकिन दावाग्नि की इन घटनाओं से जंगलों को बचाने के बजाय वन महकमा चैन की नींद सोया हुआ है।
जिले के ग्रामीण इलाकों में हर साल दावाग्नि की घटनाओं में लाखों रुपये की वन संपदा राख हो जाती है। इतना ही नहीं जंगलों में रह रहे वन्य प्राणियों को भी नुकसान पहुंचता है। लेकिन इन घटनाओं को रोकने के लिए लाखों रुपये खर्च करने के बाद दावाग्नि की इन घटनाओं में अंकुश नहीं लग पा रहा है। पिछले दस दिनों में सल्ट के अनेक जंगल आग की भेंट चढ़ चुके हैं। जबकि भिकियासैंण में भी अनेक जंगल धू-धू कर राख हो रहे हैं। स्थानीय लोगों की मानें तो दावाग्नि की अधिकांश घटनाओं को अराजक तत्वों या तस्करों द्वारा अपने फायदे के लिए जानबूझकर अंजाम दिया जाता है। लेकिन विभाग ने न तो जंगलों की रक्षा के लिए कर्मचारी तैनात किए हैं और न ही कहीं क्रू स्टेशनों की स्थापना है। आगजनी की इन घटनाओं से निपटने के लिए विभाग के पास संसाधनों का भी खासा अभाव है। विभाग में बरती जा रही इन्हीं अनियमितताओं को परिणाम है कि ग्रामीण इलाकों में वन संपदा लगातार राख होती जा रही है।