सुहागिनें ले रही विधवा पेंशन
अल्मोड़ा : पति की मृत्यु हो जाने पर प्रदेश सरकार विधवा महिलाओं को उनके भरण पोषण के लिए विधवा पेंशन उप
अल्मोड़ा : पति की मृत्यु हो जाने पर प्रदेश सरकार विधवा महिलाओं को उनके भरण पोषण के लिए विधवा पेंशन उपलब्ध कराती है। लेकिन अल्मोड़ा जिले में दीमक लगे तंत्र ने एक ऐसा कारनामा कर दिखाया जो किसी के भी गले नहीं उतर रहा। जिले के धौलादेवी ब्लाक में प्रधान, ग्राम विकास अधिकारी और विकास खंड के अधिकारियों ने मिलीभगत से एक सुहागिन महिला को कागजों में विधवा बनाकर उसे विधवा पेंशन का लाभ भी दिला दिया।
मामला धौलादेवी विकास खंड के सेली गांव का है। सेली गांव निवासी गोपुली देवी का पति गणेश दत्त लंबे समय से उसके साथ नहीं रहता। जिसका फायदा उठाकर ग्राम प्रधान, ग्राम विकास अधिकारी और ब्लाक के कुछ कर्मचारियों ने इस महिला को सुहागिन होते हुए भी उसे विधवा दिखाकर उसका आवेदन विधवा पेंशन के लिए तैयार कर दिया था। जिसके कुछ महीने के बाद समाज कल्याण विभाग द्वारा ब्लाक द्वारा भेजे गए आवेदन के आधार पर उसकी पेंशन मंजूर भी कर दी। पिछले तीन चार साल से यह महिला समाज कल्याण विभाग की इस पेंशन का लाभ भी उठा रही है। मामले का खुलासा तब हुआ जब सामाजिक कार्यकर्ता सुरेश चंद्र भट्ट ने आरटीआई के द्वारा इस मामले की छानबीन की। गोपुली देवी को उसके पति गणेश दत्त के जिंदा होने के बाद भी गड़बड़झाला कर विधवा पेंशन का लाभ दिलाया जा रहा था।
एक ओर समाज कल्याण विभाग के पास आज भी पेंशन के पात्र लोगों के हजारों आवेदन धूल फांक रहे हैं। वहीं जनप्रतिनिधियों व सरकारी मुलाजिमों की कारगुजारियों के चलते अपात्र लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। ऐसे में सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन पर सवालिया निशान खड़े होना लाजिमी भी है।
इंसेट पैकेज
आनन फानन में जांच, रोकी पेंशन
अल्मोड़ा : धौलादेवी ब्लाक में अपात्र को पेंशन दिए जाने का मामला सामने आने के बाद प्रशासन के हाथ पांव फूल गए। आरटीआइ में हुए खुलासे के बाद जिला प्रशासन ने इस मामले की जांच तहसीलदार भनोली को सौंपी थी। जांच के दौरान पाया कि इस मामले में गड़बड़झाला किया गया है। जिसके बाद जिला प्रोबेशन अधिकारी द्वारा तहसीलदार भनोली की जांच आख्या के आधार पर गोपुली देवी की विधवा पेंशन तत्काल प्रभाव से रोक दी है।
इंसेट
आखिर भ्रष्टाचारियों पर क्यों मेहरबान जिला प्रशासन
= आरोपियों के खिलाफ अब तक नहीं कार्रवाई
अल्मोड़ा : धौलादेवी ब्लाक में मनरेगा, जनश्री बीमा और विधवा पेंशन जैसे मामलों में घोटाला सामने आने के बाद भी आखिर प्रशासन भ्रष्ट कर्मचारियों पर क्यों मेहरबान है? यह बात समझ से परे है। ऐसा नहीं है कि भ्रष्टाचार के इन मामलों की पुष्टि नहीं हुई। लेकिन फिर भी एक भी मामले में कर्मचारियों पर गाज गिराना आला अधिकारियों ने मुनासिब नहीं समझा। जिससे भ्रष्टाचार की संभावना और बढ़ती जा रही है।
धौलादेवी ब्लाक में मनरेगा योजना के तहत मृत और सरकारी कर्मचाचारियों को काम दिला दिया गया। पहले मर चुके लोगों को जनश्री बीमा का भुगतान भी कर दिया गया। इतना ही नहीं सुहागिन को विधवा बना पेंशन का लाभ देने के मामले में जांच के बाद जिला प्रशासन ने महज संबंधित महिला की पेंशन रोककर अपने कर्तव्यों से इतिश्री कर ली। अल्मोड़ा जिले में सरकार के नुमाइंदे सरकारी विभागों में तैनात भ्रष्ट अधिकारियों को संरक्षण दे रहे हैं। इसकी पुष्टि इस बात से हो जाती है कि इन तीनों मामलों में आरोपी कर्मचारियों के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।