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कड़ी मेहनत पर जंगली जानवरों ने फेरा पानी

अल्मोड़ा: खेती पर बढ़ रहे जंगली जानवरों के आक्रमण की चपेट में जिले की उपजाऊ घाटी बग्वालीपोखर भी है। क

By Edited By: Published: Thu, 16 Apr 2015 10:41 PM (IST)Updated: Thu, 16 Apr 2015 10:41 PM (IST)
कड़ी मेहनत पर जंगली जानवरों ने फेरा पानी

अल्मोड़ा: खेती पर बढ़ रहे जंगली जानवरों के आक्रमण की चपेट में जिले की उपजाऊ घाटी बग्वालीपोखर भी है। कड़ी मेहनत से खेतों में खड़ी फसल जंगली सुअरों व बंदरों की भेंट चढ़ रही है। इससे दुखी किसानों का खेती से मोह भंग हो रहा है।

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इस बीच सीढ़ीनुमा खेतों में गेहूं की फसल व मौसमी सब्जियां लहलहा रही हैं। मगर अब जंगली जानवरों से फसल बचाना एक चुनौती बना है। क्षेत्र के किसान बेहद परेशान हैं, क्योंकि लावारिस छोड़े गए गौवंशीय पशुओं तथा सुअरों के झुंड ने गेहूं की फसल रौंद दी है। वहीं मौसम की सब्जियां भी खेतों में महफूज नहीं हैं। बग्वालीपोखर घाटी के भंडरगांव, बासुलीसेरा, उठगल, रावलसेरा, बिंता, दूनागिरी, बाड़ी, धमोली, पनेरगांव, ईड़ा सेरा आदि गांवों के किसानों का यही रोना है। अपनी मेहनत पर जंगली जानवरों व आवारा पशुओं द्वारा पानी फेर दिए जाने से उनमें मायूसी है। भंडरगांव के प्रताप सिंह भंडारी ने बताया कि जंगली जानवरों ने खेती में निराशाजनक स्थिति पैदा कर दी है। ऐसे में खेती से लोगों का मन ऊब रहा है। उन्होंने कहा कि क्षेत्रवासी लगातार लावारिस पशुओं व जंगली जानवरों के आतंक से निजात दिलाने की गुहार लगा रहे हैं, मगर शासन-प्रशासन कोई सुध नहीं ले रहा है। ये हालात पलायन को बढ़ावा देने जैसे हैं।


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