पहाड़ी काट बना डाला खतरों का मैदान
रानीखेत : भूगर्भीय लिहाज से बेहद नाजुक पर्वतीय क्षेत्रों में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा। अनियोजित विकास
रानीखेत : भूगर्भीय लिहाज से बेहद नाजुक पर्वतीय क्षेत्रों में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा। अनियोजित विकास की दौड़ में अतिसंवेदनशील पहाड़ियों का सीना छलनी करने का सिलसिला बेधड़क चल रहा है। निर्माणाधीन भुजान-बिल्लेख मोटर मार्ग इसकी बानगी भर है। जहां नियम कायदे ताक पर रख जेसीबी से पहाड़ी को मैदान की शक्ल दे लाखों का अवैध पत्थर निकाला जा चुका है।
नैनीताल-अल्मोड़ा सीमा पर गांवों को सड़क से जोड़ने के मकसद से मोटर मार्ग को मंजूरी दी गई थी। 27.49 किमी लंबी भुजान-बिल्लेख रोड के लिए 18 करोड़ स्वीकृत हुए थे। विभागीय सूत्रों के मुताबिक 2010 में रोड कटिंग व दूसरे फेज के लिए 2014 में सोलिंग व डामरीकरण का काम शुरू हुआ। ग्रामीणों के अनुसार संबंधित ठेकेदार ने पहले सोलिंग के लिए मानक के भीतर पहाड़ी का कटान कर मिट्टी व पत्थर निकाले।
जनविरोध न होता देख मानक ताक पर रख जेसीबी से बेखौफ 50 से 100 मीटर के दायरे में पहाड़ी का बड़ा भूभाग काट मैदान में तब्दील कर दिया गया है। यही नहीं हीड़ाम व मुसौली के बीच कई टन पत्थर अवैध रूप से बेच मोटा मुनाफा कमाया जा रहा। ग्रामीणों की मानें तो आगामी बरसात में हालात विकट हो सकते हैं। इधर विभाग ने जांच की बात कही है।