'सरस्वती के मंदिर' में जीवंत हुई संस्कृति
द्वाराहाट : राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के 32वें वार्षिकोत्सव में उत्तराखंडी लोक संस्कृति जीवंत ह
द्वाराहाट : राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के 32वें वार्षिकोत्सव में उत्तराखंडी लोक संस्कृति जीवंत हो उठी। शिक्षाविदें ने छात्र-छात्राओं को समाज का नीति निर्धारक बताते हुए समाज, राज्य व राष्ट्र की तरक्की में योगदान का आह्वान किया। वहीं मुख्य अतिथि विधायक मदन बिष्ट ने शिक्षा की स्पष्ट नीति न होने पर चिंता जाहिर की। उन्होंने अप्रैल में दो प्राध्यापकों की नियुक्ति व अगले सत्र से एमएससी की कक्षाओं का संचालन शुरू कराने का आश्वासन दिया।
महाविद्यालय के सांस्कृतिक मंच पर शुक्रवार का विधायक बिष्ट ने दीप प्रज्ज्वलित कर वार्षिकोत्सव का शुभारंभ किया। छात्र-छात्राओं ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। इस दौरान 'इनवायरमेंटल इकोनोमिक्स एंड सोशियल सस्टेनेबिलिटी' एवं 'उत्तराखंड के सुर, हमर गोपालदा' पुस्तक का विमोचन किया गया। विधायक ने अप्रैल में दो नए प्राध्यापकों की नियुक्ति व अगले सत्र से एमएससी की कक्षाएं शुरू कराने का आश्वासन दिया।
प्राचार्य डॉ.एसके श्रीवास्तव ने वार्षिक रिपोर्ट पेश की। संचालन डॉ.शैलेंद्र कुमार व डॉ.दीपा पांडे ने किया। इस मौके पर डॉ. प्रेम प्रकाश, डॉ.नरेंद्र सिंह, डॉ.चिन्मय जोशी, डॉ. सुल्तान सिंह यादव, डॉ. दीपक कुमार, डॉ.शैलेंद्र, डॉ. नरेंद्र कुमार, डॉ. उपासना शर्मा, निदेशक केपीएस पीएस राणा, प्रधानाचार्य विवेकानंद विद्या मंदिर खजान चंद्र जोशी, हरीश आर्या, नारायण रावत, हेम मठपाल, गोविंद साह, संजय साह, शंकर कैड़ा, वीरेंद्र बजेठा, भगवान चौधरी आदि उपस्थित रहे।
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चार लाख की घोषणा
विधायक ने महाविद्यालय में फर्नीचर आदि के लिए तीन व पेयजल व्यवस्था के लिए एक लाख रुपये की घोषणा की।
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फरमाइश पर सुनाया गीत
प्राध्यापकों व विद्यार्थियों की फरमाइश पर परंपरा के अनुसार विधायक मदन बिष्ट ने कुमाऊंनी गीत भी गाया। उन्होंने 'बेड़ू पाको बारों मासा, ओ नरैण काफल पाको चैता मेरी छैला..' सुनाया।
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छात्र नेताओं ने सौंपा मांगपत्र
छात्र संघ अध्यक्ष विवेक तिवारी के नेतृत्व में पूर्व एवं मौजूदा पदाधिकारियों ने विधायक को मांगपत्र सौंपा। इसमें शिक्षकों की कमी दूर किए जाने, रोजगार परक शिक्षा, एमएससी की कक्षाओं का संचालन आदि मुद्दे शामिल हैं।