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किसानों को मिले भूमिधरी का अधिकार

जागरण टीम, रानीखेत : पहाड़ में वर्ग-चार की भूमि फ्रीहोल्ड किए जाने व भूमिधरी अधिकार के मुद्दे पर भाज

By Edited By: Published: Tue, 24 Mar 2015 11:01 PM (IST)Updated: Tue, 24 Mar 2015 11:01 PM (IST)
किसानों को मिले भूमिधरी का अधिकार

जागरण टीम, रानीखेत : पहाड़ में वर्ग-चार की भूमि फ्रीहोल्ड किए जाने व भूमिधरी अधिकार के मुद्दे पर भाजपा किसान मोर्चा मुखर हो गया है। इसके अलावा अल्मोड़ा व नैनीताल जिले के सुदूर गांवों में जंगली जानवरों से फसलों को बचाने के लिए हथबंदी व बंदरबाड़े बनाए जाने की मांग उठाई है। साथ ही नुकसान से बचने को दलहनी फसलों का बीमा कराने की भी पुरजोर वकालत की है।

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मोर्चा पदाधिकारी मंगलवार को कोश्या कुटौली तहसील पहुंचे। उनका कहना था कि ताड़ीखेत (अल्मोड़ा) व बेतालघाट ब्लॉक (नैनीताल) के फल एवं सब्जी उत्पादक गांवों में जंगली सुअर, बंदर व लंगूरों ने फसल चौपट कर डाली है। उन्होंने मुख्यमंत्री से सुअरों को रोकने के लिए हथबंदी व बंदरबाड़ों का निर्माण शीघ्र कराए जाने की मांग की। वहीं राजमा, गहत, भट, मसूर, चना आदि दलहनी फसलों का बीमा कराए जाने पर भी जोर दिया।

इसके अलावा उन्होंने वर्ग-चार की भूमि को फ्री होल्ड किए जाने पर जोर देते हुए पर्वतीय किसानों को भूमिधरी अधिकार का मुद्दा भी उठाया। इस मौके पर मोर्चा जिलाध्यक्ष प्रदीप बिष्ट, महामंत्री देवेंद्र सिंह, मंडल अध्यक्ष हीरा सिंह बिष्ट, रमेश सुयाल, कृपाल सिंह करायत, योगेश ढौंढियाल, उमेश बर्गली, राजेंद्र सिंह, दामोदर जोशी, गोपाल सिंह, दिलीप बोरा, बिशन सिंह जंतवाल आदि मौजूद थे।

=== इंसेट===

कंडारखुवा के किसान भी बेहाल

रानीखेत : फल व सब्जी उत्पादक कंडारखुवा बेल्ट के काश्तकार भी जंगली सुअरों व बंदरों से हार चुके हैं। मेहनत से तैयार की गई उपज जानवरों के आतंक की भेंट चढ़ जाने से वे बेहद मायूस हैं। सामाजिक कार्यकर्ता तारा सिंह परिहार ने बताया कि क्षेत्र के मटीला, धूरा, खरकिया, सूरी, गड़स्यारी, अल्मिया कांडे, ध्योली, सुवाली आदि गांवों में बंदरों ने सेब, नाशपाती, आड़ू, पुलम, आड़बुखारा, खुमानी, जामीर आदि फलों को खासी क्षति पहुंचाई है। वहीं, मटर, आलू, लहसुन पर जंगली सुअरों ने कहर बरपाया है। परिहार ने क्षेत्र में चकबंदी करा प्रभावित किसानों को मुआवजे की मांग उठाई है।


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