साम्राज्यवादी नीतियां मंजूर नहीं
जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा: आजादी के रणबांकुरों शहीद भगत सिंह, सुखदेव एवं राजगुरु का शहादत दिवस पर यहा
जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा: आजादी के रणबांकुरों शहीद भगत सिंह, सुखदेव एवं राजगुरु का शहादत दिवस पर यहां भावपूर्ण स्मरण हुआ। श्रद्धासुमन अर्पित कर उनके संघर्ष को याद किया गया और गोष्ठी में नारेबाजी के साथ साम्राज्यवादी नीतियों के खिलाफ लामबंद होकर संघर्ष का संकल्प लिया गया।
भारत की जनवादी नौजवान सभा ने यहां गांधी पार्क में एकत्रित होकर शहादत दिवस मनाया। जहां शहीद भगत सिंह, सुखदेव व राजगुरु को याद करते हुए श्रद्धांजलि दी गई। वहीं नारेबाजी का जन विरोधी नीतियों के खिलाफ संघर्ष करने का जोश दिखाया। इस मौके पर आयोजित गोष्ठी में वक्ताओं ने कहा कि भारतीय क्रांतिकारियों ने अकल्पनीय कष्ट झेले और साम्राज्यवादी उपनिवेशवादी ताकतों को चुनौती देकर आत्म विश्वास, आत्म बलिदान व शहादत से देश को जगाया, आजादी दिलाई। शहीद भगत सिंह व उनके साथी शुरू से ही देश के खातिर संघर्ष में रहे और लक्ष्य से कभी डिगे नहीं। उन्होंने कहा कि भगत सिंह ने साम्प्रदायिकता व जातिवाद को शासक वर्गो के लिए मेहनतकश लोगों को विभाजित करने का हथियार बताया था और मौजूदा सरकारें इन्हीं हथियारों से आम लोगों का शोषण कर रही हैं। तभी शहीदों के सपनों के अनुसार बेहतरी नहीं आ पा रही। संकल्प लिया कि नौजवान सभा इन हालातों को बर्दाश्त नहीं करेगी और नौजवानों, मजदूरों, श्रमिकों व महिला वर्ग को लामबंद कर साम्राज्यवादी नीतियों के खिलाफ सड़क से संसद तक संघर्ष करेगी।
गोष्ठी की अध्यक्षता संगठन के अध्यक्ष डॉ. सुशील तिवारी व संचालन युसुफ तिवारी ने किया। जिसमें योगेश कुमार, राकेश त्रिवेदी, शाहनवाज अंसारी, दिनेश पांडे, सुनीता पांडे, अखिल टम्टा, अभिषेक टम्टा, नवीन टम्टा, शाजिद अहमद, सागर सार्की, विशाल साह, मोहम्मद विशाद, विजय उप्रेती, स्वप्निल पांडे, प्रमोद रावत, आनंदी वर्मा, ललित चौधरी, रणजीत सिंह बोरा, मनोज सिंह बोरा, कुबेर सिंह व दिग्विजय बिष्ट आदि ने चर्चा में भाग लिया।