आंखों में खटके 'गेस्ट टीचर'
जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा: माध्यमिक विद्यालयों में अतिथि शिक्षकों (गेस्ट टीचर) की तैनाती राजकीय शिक्ष
जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा: माध्यमिक विद्यालयों में अतिथि शिक्षकों (गेस्ट टीचर) की तैनाती राजकीय शिक्षकों की आंखों में खटक गए हैं। विरोध के स्वर तेज होने लगे हैं। शिक्षकों ने अतिथि शिक्षक व्यवस्था के बजाय स्थायी नियुक्तियों समेत अपनी मांगें उठाई हैं। ऐसा नहीं होने पर आंदोलन का ऐलान किया है।
राजकीय शिक्षक संघ (एलटी बेसिक संवर्ग) की कुमाऊं मंडल इकाई ने बैठक कर इस मुद्दे पर चर्चा की। संगठन के पदाधिकारियों ने कहा कि अतिथि शिक्षक व्यवस्था गलत है। सफाई भी दी कि संगठन बेरोजगारों का विरोध नहीं कर रहा, बल्कि स्थायी व्यवस्था चाहता है। शिक्षामित्रों व शिक्षक बंधुओं की तरह बाद में अतिथि शिक्षकों का शोषण हो, इससे बेहतर है कि उन्हें रिक्त पदों के सापेक्ष स्थायी नियुक्ति दी जाए। उन्होंने अंदेशा जताया कि अतिथि शिक्षक व्यवस्था से प्राथमिक व जूनियर के शिक्षकों को पदोन्नति व समायोजन के रास्ते बंद हो जाएंगे।
साथ ही गंभीर रोगों से पीड़ित शिक्षकों को अतिरिक्त वेतनवृद्धि के साथ वीआरएस देने, वेतन विसंगतियां दूर करने, व्यायाम शिक्षकों की पदोन्नति सूची जारी करने की मांग की है। तय हुआ मांगों पर 31 मार्च तक निर्णय नहीं लिया गया तो एक अप्रैल से आंदोलन शुरू होगा। बैठक में मंडलीय अध्यक्ष दिगंबर फुलोरिया, बागेश्वर के जिलाध्यक्ष गोपाल सिंह भोज, मंडलीय सचिव शीला, जिलाध्यक्ष भवान सिंह बंगारी, शंकर सिंह, सुशीला जोशी, सुंदर सिंह, केएस नेगी, नीमा साह, चंद्रा पांडे आदि शामिल थे।
इधर, राजकीय शिक्षक संघ अल्मोड़ा ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है। जिसमें अतिथि शिक्षक व्यवस्था का विरोध करते हुए प्रवक्ताओं के रिक्त पदों पर 50 प्रतिशत कोटे के अनुसार पदोन्नति करने और अतिथि शिक्षक तैनात करने के बजाय नियमित नियुक्ति दिए जाने की मांग की है। ज्ञापन भेजने वालों में जिलाध्यक्ष नूर अफजल, जिला उपाध्यक्ष भूपाल सिंह चिलवाल, जिला मंत्री हीरा सिंह महरा आदि शामिल थे।