पेयजल आपूर्ति बंद
जागरण संवाददाता, द्वाराहाट: लंबे समय से पेयजल किल्लत झेल रहे डढ़ोली, धर्मगांव, भौंरा आदि के ग्रामीणो
जागरण संवाददाता, द्वाराहाट: लंबे समय से पेयजल किल्लत झेल रहे डढ़ोली, धर्मगांव, भौंरा आदि के ग्रामीणों का सब्र का बांध रविवार को टूट गया। दस दिन पूर्व दी गई चेतावनी के बावजूद पेयजल आपूर्ति नहीं होने से गुस्साएं ग्रामीणों ने जल संस्थान कार्यालय पहुंच जबरदस्त हंगामा काटा और नारेबाजी की। ग्रामीणों ने धरना प्रदर्शन कर चेतावनी दी कि जब तक जलापूर्ति नहीं की जाएगी आंदोलन जारी रहेगा।
इंजीनिय¨रग कालेज व समीपवर्ती क्षेत्रों को पेयजल मुहैया कराने वाली गगास पंपिंग पेयजल योजना पिछले लंबे समय से क्षतिग्रस्त पड़ी हुई है। जिससे इंजीनिय¨रग कालेज, डढ़ोली, भौंरा, मायापुरी, धर्मगांव, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, ब्लाक मुख्यालय, राजकीय पॉलीटेक्निक, पशु चिकित्सालय आदि में पानी की सप्लाई पूरी तरह बंद पड़ी है। जिससे लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कई बार आंदोलन के बावजूद भी कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं होने से गुस्साएं ग्रामीण रविवार को जल संस्थान कार्यालय में धमके। जहां उन्होंने विभाग के खिलाफ नारेबाजी कर धरना दिया। वक्ताओं ने पेयजल आपूर्ति गड़बड़ाने के लिए जल महकमों के अलावा कुमाऊं प्रौद्योगिकी संस्थान को भी खूब कोसा। कहा कि टैंकरों के माध्यम से पानी की आपूर्ति के बहाने बीटीकेआईटी में अनियमितताएं बरती जा रही हैं। इसी कारण योजना पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि शीघ्र ही पेयजल व्यवस्था दुरुस्त नहीं की गई तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।
दरअसल, गगास पंपिंग पेयजल योजना की उम्र 2008 में ही पूरी हो चुकी है। बढ़ती आबादी तथा लाइनों के जर्जर होने के बावजूद पुनर्निर्माण न होने पर कई बार जनांदोलन भी हुए। बीते वर्ष सरकार ने 28.02 लाख रुपये अवमुक्त किए लेकिन मरम्मत अब तक नहीं हो सकी है। इन हालातों में डढोली व धर्मगांव ग्राम पंचायतों के साथ ही गौचर क्षेत्र की लगभग सात हजार की आबादी पेयजल संकट से जूझ रही है। धरना देने वालों में ग्राम प्रधान दीपा मठपाल, गीता जोशी, लीला बजेठा, विमला देवी, रेखा मेहरा, कमला देवी, आशा मठपाल, शांति देवी, विमला पपनै, लता मठपाल, रेखा मठपाल, मनोज अधिकारी, भूपाल सिंह बजेठा, संतोष बिष्ट, त्रिलोक बजेठा, सुरेश मठपाल, दिनेश सिंह, कृपाल सिंह, कुंवर सिंह, जगत सिंह, गोविंद सिंह, मनोज मठपाल, बसंत बल्लभ सहित दर्जनों ग्रामीण शामिल थे।