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आंदोलनकारियों के साथ मारपीट

जागरण संवाददाता, चौखुटिया: उक्रांद के बैनर तले पीपीपी मोड के खिलाफ सीएचसी परिसर में चल रहे आंदोलन के

By Edited By: Published: Fri, 23 Jan 2015 11:45 PM (IST)Updated: Fri, 23 Jan 2015 11:45 PM (IST)
आंदोलनकारियों के साथ मारपीट

जागरण संवाददाता, चौखुटिया: उक्रांद के बैनर तले पीपीपी मोड के खिलाफ सीएचसी परिसर में चल रहे आंदोलन के दौरान गत देर सायं शील नर्सिग होम के दो कार्मिकों के साथ मारपीट हो गई। इसके विरोध में शुक्रवार को शील के सभी कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार कर अस्पताल गेट पर ताला लगा दिया तथा धरने पर बैठ गए। शाम को माफीनामा के बाद मामला शांत हुआ।

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अस्पताल परिसर में सीएचसी को शील नर्सिग होम प्रालि से मुक्त कराने की मांग को लेकर गत एक जनवरी से धरना व क्रमिक अनशन चल रहा है। बताया गया है कि गुरूवार सायं करीब साढे आठ बजे अस्पताल में भर्ती एक मरीज के साथ आए युवक की ड्यूटी पर तैनात 2-3 कर्मचारियों के साथ किसी बात को लेकर विवाद हो गया। जो बाद में मारपीट में तब्दील हो गया।

आरोप है कि दो आंदोलनकारियों की सुरक्षा गार्ड मनोज कुमार व अर्जुन कुमार के साथ हाथापाई हो गई। वहीं ड्यूटी में तैनात तीन महिला कर्मियों व डा. कुलदीप के साथ भी गालीगलौच की गई। घटना के बाद माहौल गरम हो गया। लेकिन बाद में थाना प्रभारी राजेंद्र कुमार की मौजूदगी में दोनों लोगों द्वारा माफी मांग लेने के बाद मामला शांत हो गया।

आज सुबह फिर अचानक शील कर्मी व डाक्टरों ने कार्य बहिष्कार कर दिया तथा गेट पर ताला लगाकर वहीं धरने में बैठ गए। इसके साथ ही पूर दिन भर अफरा-तफरी का माहौल बना रहा। दोनों पक्षों में गहमागहमी देखी गई। इसके बाद ही समझाने बुझाने का दौर चला, लेकिन शील कर्मी नहीं माने। शाम करीब तीन बजे तहसीलदार धनी राम आर्य मौके पर पहुंचे तथा सुलह कराने का प्रयास किया।

काफी जद्दोजहद के बाद दोनों युवकों द्वारा माफी मांग ली गई एवं अशांति को देखते हुए आंदोलनकारी अस्पताल परिसर में लगे अपने टेंट को अन्यत्र शिफ्ट करने पर सहमत हो गए। इसके साथ ही कार्मिकों ने कार्य बहिष्कार व धरना समाप्त कर दिया। इस अवसर पर एसओ राजेंद्र प्रसाद समेत कई जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहे।

इंसैट में:

कार्य बहिष्कार: मरीजों का हाल बेहाल

शील प्रबंधन के कार्मिकों के कार्य बहिष्कार के चलते आज अस्पताल की आपातकाल को छोड़ अन्य सभी सेवाएं चौपट हो गई। यहां तक कि दोनों सरकारी डाक्टर भी काम पर नहीं आए। इससे मरीजों को भारी परेशानी उठानी पड़ी। उपचार हेतु सीएचसी में आए मरीजों को निराश वापस लौटना पड़ा। अनेक लोग ऐसी व्यवस्था से नाखुश भी दिखे।


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