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छात्राओं को स्कूल में रोकने पर बखेड़ा

जागरण टीम, रानीखेत/गरमपानी : अंतरजनपदीय सीमा स्थित प्राथमिक विद्यालय मझेड़ा में छात्राओं को छुट्टी के

By Edited By: Published: Tue, 20 Jan 2015 10:37 PM (IST)Updated: Tue, 20 Jan 2015 10:37 PM (IST)
छात्राओं को स्कूल में रोकने पर बखेड़ा

जागरण टीम, रानीखेत/गरमपानी : अंतरजनपदीय सीमा स्थित प्राथमिक विद्यालय मझेड़ा में छात्राओं को छुट्टी के बाद जबरन रोके जाने पर बखेड़ा खड़ा हो गया। बालिकाओं की शिकायत पर भड़के अभिभावक अध्यापक के खिलाफ स्कूल जा धमके। माहौल गरमाने पर तहसीलदार व नायब ने छात्राओं व महिला अभिभावकों से गोपनीय पूछताछ की। जनाक्रोश को देखते हुए जिला शिक्षाधिकारी बेसिक ने कहा कि मामला गंभीर है। आरोपी मास्टर को हटाने की कार्यवाही की जा रही है। इधर प्रथम दृष्टया जांच में नायब तहसीलदार ने खुलासा किया कि अध्यापक खासतौर पर छात्राओं के प्रति गलत रवैया रखता है। अलबत्ता मुकदमा तो दर्ज नहीं किया गया है लेकिन अध्यापक को हटाने की मांग करते हुए एसडीएम तथा पुलिस को लिखित शिकायती पत्र दे दिया गया है।

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मामला अल्मोड़ा व नैनीताल जनपद की सीमा से सटे बेतालघाट ब्लॉक के राजकीय प्राथमिक विद्यालय मझेड़ा का है। अभिभावकों के अनुसार बीती सोमवार को छुट्टी के बाद दो छात्राओं को जबरन रोक लिया। अन्य बच्चे घर पहुंचे तो अभिभावकों ने अपनी बेटियों के बारे में पूछा। पता लगा कि अध्यापक ने उन्हें स्कूल में ही रुकने को कहा है। इस पर महिलाएं स्कूल पहुंची तो बालिकाएं फफक कर रो पड़ी। इसी दरमियान अध्यापक चुपचाप बाहर निकल गए। वापस लौटी महिलाओं ने माजरा अन्य ग्रामीणों को बताया तो जनाक्रोश भड़क उठा।

मंगलवार को ग्राम प्रधान मझेड़ा रमेश पांडे के नेतृत्व में लोग प्राथमिक विद्यालय जा धमके। साथ ही खैरना पुलिस तथा तहसील प्रशासन को मामले की सूचना दी। स्कूल पहुंची नायब तहसीलदार नितेश डागर ने छात्राओं तथा उनकी माताओं से अलग-अलग गोपनीय पूछताछ की। खुलासा हुआ कि अध्यापक खासतौर पर छात्राओं से अभद्र व्यवहार करते हैं। यही नहीं बालिकाओं को फल व चॉकलेट आदि पहले खुद फिर जूठा बालिकाओं को खिलाते हैं।

नायब तहसीलदार ने इस बात की पुष्टि भी की कि आरोपी अध्यापक छात्राओं को गलत इशारे करता है।

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चार-पांच माह से चल रहा मामला

महिला अभिभावकों के अनुसार करीब चार-पांच माह से यह मामला चल रहा है। लेकिन समाजिक प्रतिष्ठा के कारण वह मुंह नहीं खेल सकीं। बीती सोमवार को घबराकर जब स्कूल पहुंची तो बालिकाओं की हालत देख उन्हें मजबूरन बात सामने रखनी पड़ी।

=== इंसेट===

अध्यापक ने कहा- आरोप बिल्कुल निराधार

प्राथमिक विद्यालय मझेड़ा के अध्यापक ने आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए निराधार बताया। कहा कि छात्राओं से कोई गलत हरकत नहीं की। अनुशासन भंग करने तथा कहना न मानने पर उन्हें स्कूल में रोका जरूर। इसी पर बखेड़ा खड़ा कर दिया गया।

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नहीं पहुंचे कोई शिक्षा अधिकारी

सुबह 10 बजे से उठे बवंडर के बावजूद कोई भी शिक्षा अधिकारी प्राथमिक स्कूल नहीं पहुंचा। दोपहर ढाई बजे संकुल प्रभारी को जरूर भेजा गया।

=== इंसेट===

'आरोपी अध्यापक की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। दिमागी तौर पर वह परेशान लगता है। ग्रामीणों की मांग पर उसे विद्यालय से हटवाने के लिए शिक्षा महकमे के उच्चाधिकारियों से वार्ता कर पत्राचार किया जा रहा है।

- एचएच खान, तहसीलदार कोश्या कुटौली'

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'आरोप गंभीर है। मामला संज्ञान में आ चुका है। साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। आरोपी अध्यापक को प्राथमिक विद्यालय मझेड़ा से तत्काल हटाया जाएगा।

- आरसी पुरोहित, जिला शिक्षाधिकारी प्राथमिक'

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'हमने छात्राओं व उनकी माताओं से अलग-अलग पूछताछ की। अध्यापक की भूमिका संदिग्ध प्रतीत हो रही है। छात्राओं ने बताया कि वह गलत इशारे करता है और अपना जूठा भी उन्हें खिलाता है।

- नितेश डागर, नायब तहसीलदार'


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