गुलदार का शिकार बना बिशन का लाडला
संवाद सहयोगी, जैंती (अल्मोड़ा ) : विकास खंड लमगड़ा के पितना गांव में शुक्रवार की देर रात एक तीन साल के
संवाद सहयोगी, जैंती (अल्मोड़ा ) : विकास खंड लमगड़ा के पितना गांव में शुक्रवार की देर रात एक तीन साल के मासूम को गुलदार उठा ले गया। शनिवार को मासूम का क्षत- विक्षत शव गांव से कुछ दूरी पर पड़ा मिला। हादसे के बाद गांव में गम और दहशत का माहौल है। वन विभाग ने गुलदार को पकड़ने के लिए कांबिंग शुरू कर दी है। गुलदार को पकड़ने के लिए जगह जगह पिंजरा लगाने की कार्रवाई भी की जा रही है।
शुक्रवार की देर शाम मल्ला सालम के पितना गांव में ग्रामीण बिशन सिंह का तीन साल का बच्चा लक्ष्मण उर्फ लक्की आंगन में खेल रहा था। परिजन भी पास में ही अन्य काम में लगे हुए थे। अचानक गुलदार आया और बच्चे को आंगन से उठा ले गया। बच्चे को ले जाने के बाद गांव में कोहराम मच गया। सरपंच अमरनाथ ने आनन फानन में घटना की खबर वन विभाग के अधिकारियों को दी। लेकिन ग्रामीणों और वन विभाग की लाख कोशिशों के बाद भी रात में बच्चे का कहीं पता नहीं चला। शनिवार की प्रात: बच्चे का क्षत-विक्षत शव गांव से लगभग एक किलोमीटर की दूरी पर पड़ा मिला। हादसे की सूचना के बाद उप प्रभागीय वनाधिकारी अंबरीश कुमार, वन दारोगा जीवन तिवारी, गोविंद बिष्ट, रघुनाथ प्रसाद, प्रताप भोज, रवींद्र मेहता आदि वन अधिकारी व कर्मचारी मौके पर पहुंचे। एसडीओ अंबरीश कुमार ने बताया कि गुलदार को ढूंढने के लिए कांबिंग शुरू कर दी गई है। साथ ही संभावित स्थलों पर पिंजरा भी लगाया जाएगा। इधर विभाग ने प्रभावित परिवार को फौरी तौर पर पच्ची हजार रुपये की मदद दी है। वन अधिकारियों ने कहा है क्षत-विक्षत शव का पोस्टमार्टम परिवार वालों की अनुमति के आधार पर ही होगा।
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जनपद के अनेक हिस्सों हवालबाग, चौखुटिया, लमगड़ा और सल्ट इलाकों में गुलदार का आतंक है। ऐसे में वन विभाग के अधिकारियों को उचित कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रभावित परिवार को ऐसी स्थिति में तीन लाख रुपये देने का प्रावधान है। फिलहाल फौरी तौर पर बच्चे के परिजनों को 25 हजार रुपये की मदद दी गई। शेष राशि सोमवार तक उन्हें दे दी जाएगी। वन विभाग के अधिकारी पिंजरा लगाकर गुलदार को पकड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
==विनोद कुमार सुमन, डीएम, अल्मोड़ा
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बिशन के घर में मातम का माहौल
जैंती: विकास खंड लमगड़ा के पितना गांव में हुई दिल दहला देने वाली घटना के बाद अब बिशन सिंह के घर में मातम का माहौल है। कल शाम तक जो लक्ष्मण अपनी बड़ी बहन और छोटे भाई के साथ हंसता-खेलता था। वह कुछ ही पल में उनसे सदा के लिए दूर हो गया। हादसे के बाद उसकी बड़ी बहन, मां और पिता का रो-रोकर बुरा हाल है। लेकिन नियति के सामने सभी इस सच को स्वीकार करने को बाध्य हैं। बिशन सिंह मेहनत मजदूरी कर जैसे तैसे अपने परिवार का पालन पोषण कर रहा था। गुलदार के हमले के बाद बीच के बेटे की जान चली जाने के बाद जैसे उसकी कमर ही टूट गई है। पूरे क्षेत्र में इस घटना के बाद खौफ के साथ ही गम का माहौल बना हुआ है।