बंदियों की समस्याओं का होगा निदान
जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा : कारागार में बंद कैदियों को भी कानूनी अधिकार प्राप्त हैं। जेल में बंद कैदि
जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा : कारागार में बंद कैदियों को भी कानूनी अधिकार प्राप्त हैं। जेल में बंद कैदियों को किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े। इसके लिए समय-समय पर शिविरों का आयोजन कर उनकी समस्याओं को सुना जाता है। ताकि उनका समय से निराकरण किया जा सके।
राज्य विधि सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में जिला कारागार में आयोजित विधिक साक्षरता शिविर को संबोधित करते हुए अतिरिक्त जिला न्यायधीश हरीश कुमार गोयल ने यह बात कही। गोयल ने कहा कि संज्ञेय और असंज्ञेय अपराधों में बारे में जानकारी देते हुए बताया कि संज्ञेय अपराध के गठित होने पर प्रथम सूचना रिपोर्ट धारा 154 सीआरपीसी के तहत दर्ज करायी जा सकती है। ऐसे अपराधों में पुलिस अभियुक्त को बिना वारंट के गिरफ्तार कर सकती है। जबकि असंज्ञेय अपराध के घटित होने पर गैर संज्ञेय रिपोर्ट दर्ज की जाती है। उन्होंने बताया कि संज्ञेय अपराध में पुलिस के पास विवेचना का पूरा अधिकार होता है। जबकि असंज्ञेय अपराध में पुलिस न्यायालय की अनुमति से ही विवेचना कर सकती है। सिविल जज रीना नेगी ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से संचालित न्यायिक हिरासत, कानूनी अधिकार, व विचारण के संबंध में सभी कैदियों को विस्तार से जानकारी दी। शिविर में प्रमोद कुमार, दीपक नगरकोटी, अभिलाषा तिवारी समेत अनेक लोग मौजूद रहे।