सिपाही से लेफ्टिनेंट बना चांदीखेत का नंदन
जागरण संवाददाता, चौखुटिया: दृढ़ इच्छाशक्ति व कड़ी मेहनत के बूते जीवन में किसी भी मुकाम को हासिल किया
जागरण संवाददाता, चौखुटिया: दृढ़ इच्छाशक्ति व कड़ी मेहनत के बूते जीवन में किसी भी मुकाम को हासिल किया जा सकता है, बशर्ते कि इसके लिये मन में आगे बढ़ने का जब्जा हो। ऐसा ही कुछ यहां चांदीखेत गांव के होनहार युवक नंदन ने कर दिखाया है। पिता की खाकी वर्दी देख बेटे के मन में भी देश प्रेम का भाव जागा तथा फौज में सिपाही के पद पर भर्ती हो गया, जो अब कड़ी मेहनत के बूते सैन्य ऑफिसर बन गया है।
ग्रामीण परिवेश में जन्मा एवं पला चांदीखेत गांव का होनहार युवक नंदन सिंह कुमयां एक्स फौजी पूरन सिंह का पुत्र है। प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही राप्रावि में लेने के बाद नंदन ने राइंका चौखुटिया से कक्षा-12वीं की परीक्षा वर्ष 2001 में उत्तीर्ण की। इसके बाद उसने अल्मोड़ा बीएससी में प्रवेश ले लिया, लेकिन दो वर्ष की पढ़ाई के बाद देश सेवा की भावना के खातिर वह डोगरा रेजीमेंट में भर्ती हो गया, जो करीब दस साल की सेवाकाल में हवलदार भी बन गया।
चूंकि मन में अफसर बनने की तमन्ना थी, इसलिये नंदन सिंह ने वर्ष 2013 में सर्विस सलेक्शन बोर्ड की परीक्षा पास कर ली तथा ट्रेनिंग करने आफिसर ट्रेनिंग अकादमी गया-विहार चला गया। जहां से वह गत 13 दिसंबर को पासिंग आउट के उपरांत सेना में लेफ्टिनेंट बन गया है। जो इस बीच 12 दिनों की छुट्टी पर घर आया है। नंदन सिंह ने जागरण से भेंट के दौरान बताया कि उसके मन मे बचपन से ही आफिसर बन कर देश सेवा करने की तमन्ना रही है, जो अब सच हो गया है।
उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता को दिया। साथ ही अपने संदेश में बच्चों व युवाओं को जीवन में मेहनत के सहारे आगे बढ़ने का संदेश भी दिया। नंदन की इस सफलता से परिवार के लोग ही नहीं बरन गांववासी भी गदगद हैं।
इंसैट में:
बचपन से ही होनहार रहा नंदन कुमयां
सेना में अफसर बन गया नंदन सिंह कुमयां बचपन से ही मेधावी छात्र रहा है। हाईस्कूल व इंटर बोर्ड की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की है। उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिये उसने बीएससी में प्रवेश लिया, लेकिन दो वर्ष की पढ़ाई के बाद सेना में भर्ती हो गया। बाद में सेवाकाल के दौरान ग्रेजुएट की परीक्षा पास की।