जिला पंचायत का बजट पारित
जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा: जिला पंचायत अल्मोड़ा ने अगले वित्तीय वर्ष के लिए 27.39 करोड़ रुपये का बजट पा
जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा: जिला पंचायत अल्मोड़ा ने अगले वित्तीय वर्ष के लिए 27.39 करोड़ रुपये का बजट पारित किया है। गुरुवार को जिला पंचायत बोर्ड की बैठक में सर्वसम्मति से यह बजट पारित हुआ। वहीं कई अन्य निर्णय लिए गए। जिपं अध्यक्ष पार्वती महरा ने बजट के सदुपयोग पर जोर दिया।
यहां धारानौला स्थित स्व. गोवर्धन तिवारी स्मृति जिला पंचायत सभाकक्ष में आयोजित बोर्ड की बैठक खासकर अगले वित्तीय वर्ष के बजट पर चर्चा पर केंद्रित रही। विस्तृत चर्चा के बाद 27.39 करोड़ रुपये का बजट पारित हुआ। बजट में निजी स्रोतों से कुल आय 1.59 करोड़ व अनुदानों से आय 23.92 करोड़ आंकी गई है। गत वित्तीय वर्ष का 1.88 करोड़ रुपये की बचत समेत कुल 27.39 करोड़ रुपये का बजट रखा गया। इसमें प्रबंधकीय व्यय 3.44 करोड़, विकास कार्यो में व्यय 22.68 करोड़ अनुमानित किया गया है। जिसमें 1.27 करोड़ रुपये की बचत आंकी गई है। यहां उल्लेखनीय है कि गत वित्तीय वर्ष 41.59 करोड़ का बजट स्वीकृत था, मगर इस दफा कम है। इसका कारण एक केन्द्रीय योजना का बंद होना बताया गया है।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष पार्वती महरा ने कहा कि जिला पंचायत की परिसम्पत्तियों से अतिक्रमण हटाने व उनके रखरखाव को ठोस कदम उठाए जाने हैं। वहीं जिला पंचायत की आय बढ़ाने को भी कदम उठाने जरूरी हैं। उन्होंने बजट के सही इस्तेमाल पर जोर दिया और कहा कि जिपं के डाक बंगलों का उचित रखरखाव करते हुए उनके किराए की दरों में एकरूपता लाई जाएगी। पार्वती महरा ने कहा कि सदस्यों को परिचय पत्र देने, विकास कार्यो के लिए प्रत्येक सदस्य को पहले से अधिक धनराशि देने, परिसम्पत्तियों की जांच को हर ब्लाक में सदस्य नामित करने पर गहनता से विचार चल रहा है। इससे पूर्व बैठक में पिछली कार्रवाई को पढ़ते हुए अपर मुख्य अधिकारी केसी चतुर्वेदी ने कहा कि अधिकांश मामलों में कार्रवाई कर दी गई है। बैठक में विधानसभा अध्यक्ष के प्रतिनिधि एवं पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष मोहन सिंह महरा, जिला पंचायत उपाध्यक्ष शिवेंद्र रावत सहित कई सदस्य शामिल थे।
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विकास कार्यो में अनियमितता बर्दाश्त नहीं
अल्मोड़ा: जिला पंचायत अध्यक्ष पार्वती मेहरा ने विभागीय अधिकारियों को विकास कार्यो में अनियमितता न बरतने की नसीहत दी है। मेहरा ने कहा कि विकास कार्यो में अनियमितता मिलने पर संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की जाएगी।
जिला पंचायत बोर्ड की बैठक के बाद विभागवार विकास कार्यो की दो दिनी समीक्षा बैठक शुरू हुई। जिला स्तर के अधिकारियों की बैठक को संबोधित करते हुए जिपं अध्यक्ष ने कहा कि जिले के अनेक विद्यालयों में शिक्षकों की कमी बनी हुई है। लेकिन विभाग के अधिकारी इस कमी को दूर करने के लिए कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को भी उन्होंने सड़कों की मरम्मत व निर्माण में तेजी लाने के निर्देश दिए। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मौजूद न होने पर सदन में सदस्यों ने नाराजगी भी जताई। जिपं अध्यक्ष शिवेंद्र रावत ने कहा कि अधिकारियों को इस तरह की बैठकों में मौजूद रहकर समस्याओं के निराकरण के लिए ठोस पहल करनी चाहिए। बैठक में विस अध्यक्ष के प्रतिनिधि व पूर्व जिपं सदस्य मोहन सिंह मेहरा, केसी चतुर्वेदी समेत अनेक लोग मौजूद थे। अन्य विभागों की समीक्षा आज शुक्रवार को होगी।
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