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सीमा के साथ अब 'हिंदी' की हिफाजत

By Edited By: Published: Tue, 16 Sep 2014 10:48 PM (IST)Updated: Tue, 16 Sep 2014 10:48 PM (IST)
सीमा के साथ अब 'हिंदी' की हिफाजत

जागरण संवाददाता, रानीखेत : सरहदों की सुरक्षा के साथ जनसहभागिता की ओर कदम बढ़ा रहे सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) अब राष्ट्रभाषा के संरक्षण एवं प्रचार प्रसार का भी बीड़ा उठाएगा। बल की वाहिनियों में 'हिन्दी' सभी कामकाजों में मातृभाषा के प्रयोग के सीमा के प्रहरी राष्ट्रभाषा को जन-जन की भाषा बनाने को जनचेतना अभियान चलाएंगे। सीमांत मुख्यालय से इसका श्रीगणेश कर दिया गया है।

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सीमांत मुख्यालय गनियाद्योली में एक नई शुरूआत के साथ हिन्दी पखवाड़ा दिवस का समापन हुआ। महानिरीक्षक श्याम सिंह ने कहा कि हिन्दी देश का गौरव एवं सम्मान है। उन्होंने सभी कार्य विशेषकर सरकारी कार्यालयों में हिन्दी को व्यवहार में लाने एवं भावनाओं से जोड़ने का आह्वान करते हुए कहा ऐसे में राष्ट्रभाषा को स्वत: ही मान-सम्मान मिल जाएगा। उम्मीद जताई कि समेकित प्रयासों से ही हिन्दी राष्ट्र व जनभाषा के सोपान तय कर विश्व भाषा बनाने में सफलता मिलेगी। इस अवसर पर उपमहानिरीक्षक प्रताप सिंह चुंडावत समेत कई अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।

=== इंसेट===

अहिन्दी कार्मिकों की वर्तनी लाजवाब

हिन्दी पखवाड़ा पर केंद्रीय कार्यालयों में अहिन्दी भाषी कार्मिकों के लिए विशेष प्रतियोगिता हुई। इसमें टिप्पण, मसौदा लेखन व राजभाषा प्रश्नमंच आदि में उन्होंने प्रतिभा का शानदार प्रदर्शन किया। वहीं हिन्दी कविताएं, दोहा-चौपाई पर आधारित अंत्याक्षरी वाकई सराहनीय रही, मनोरंजक प्रतियोगिताओं ने भी दिल जीत लिया। हिन्दी गानों का मुखड़ा लेखन, फिल्मी कलाकार व फिल्मों व साहित्यकारों के प्रसिद्ध साहित्यों के नाम शुद्ध एवं सुंदर लिख एसएसबी कार्मिकों ने हुनर का लोहा मनवाया। प्रतिभागियों को महानिरीक्षक ने पुरस्कृत किया।


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