आतंकवाद के खात्मे को भारत-अमेरिका संयुक्त 'युद्धाभ्यास'
जागरण संवाददाता, रानीखेत : रक्षा सहयोग एवं सामरिक संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने की दिशा में भारत एवं अमेरिका (यूएस) के बीच संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण 'युद्ध अभ्यास-2014' को खासा महत्वपूर्ण माना जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुसार यह युद्धाभ्यास पर्वतीय क्षेत्रों में उत्पन्न आंतरिक विद्रोह तथा आतंकवाद से निपटने को सामूहिक अभ्यास होगा। इस दरम्यिान दोनों देशों की सेनाएं विभिन्न ऑपरेशन में उच्चकोटी की युद्ध तकनीक भी साझा करेंगी।
बताते चलें कि हिमालयी राज्य के चौबटिया (रानीखेत) में गरुड़ डिवीजन एवं सूर्य कमांड के अधीन भारत तथा अमेरिका में रक्षा सहयोग को संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण 'युद्ध अभ्यास-2014' 17 सितंबर से शुरू होने जा रहा है। दोनों देशों के बीच यह अब तक का 10वां संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण अभ्यास है। 30 सितंबर तक चलने वाले इस सैन्य प्रशिक्षण का मकसद भारत और अमेरिका के बीच सामरिक संबंधों को प्रगाढ़ बनाने के साथ ही दोनों देशों के विशेषज्ञ आपसी रणनीति, संयुक्त अभ्यास व विशेष बलों के गठन पर विचार विमर्श करेंगे।
संयुक्त राष्ट्र चार्टर का हवाला देते हुए सेना की विशेष विज्ञप्ति के अनुसार 'युद्ध अभ्यास-2014' पर्वतीय क्षेत्रों में उत्पन्न आंतरिक विद्रोह और आतंकवाद से मुकाबला करने के लिए दोनों देशों की सेनाओं को सक्षम बनाना है। दो सप्ताह के इस अभ्यास में 250 अमेरिकी सैनिक एवं 250 भारतीय सेना के पर्वतीय ब्रिगेड के जांबाज हिस्सा लेंगे। इसमें दोनों राष्ट्रों के सैनिक एक-दूसरे के संगठन संरचना, हथियार, उपकरण व टेक्निकल ड्रिल के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे। साथ ही आतंकवाद के खिलाफ विभिन्न ऑपरेशन में उच्चकोटी की युद्ध तकनीकों को अपनाने की कला भी हासिल करेंगे।
भारतीय सेना की विशेष विज्ञप्ति के मुताबिक वर्षो पूर्व दोनों देशों के संयुक्त निर्णय पर 'युद्ध अभ्यास-2014' अब तक के संयुक्त प्रशिक्षण की तरह एक महत्वपूर्ण सैन्य अभ्यास होगा। इस दौरान एक इन्फेंट्री कंपनी फील्ड प्रशिक्षण लेगी। दोनों देशों के सैनिक आंतरिक विद्रोह व आतंकवादी गतिविधियों के माहौल में कार्यवाही के लिए युद्ध तकनीक तथा कौशलताओं का संयुक्त रूप से अभ्यास करेगी। सैन्य सूत्रों ने बताया कि 'युद्ध अभ्यास' का उद्देश्य दोनों लोकतांत्रिक देशों की सेनाएं संयुक्त राष्ट्र संघ के तत्वावधान में एक-दूसरे की सेनाओं को आतंवादी ऑपरेशनों के विरुद्ध सैन्य कार्यवाही के लिए सक्षम बनाना है।
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ये है गरुड़ डिवीजन
सेना सूत्रों के मुताबिक संयुक्त युद्धाभ्यास में गरुड़ डिवीजन अहम है। हिमालयी क्षेत्रों में भारत-नेपाल सैन्य प्रशिक्षण चला चुका यही गरुड़ डिवीजन अब भारत तथा अमेरिका के बीच रक्षा सहयोग एवं सामरिक रिश्तों को और मजबूत बनाने की दिशा में 'युद्ध अभ्यास-2014' संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण चलाएगा।