'साड़ी' पर आंगनबाड़ी में घमासान
संवाद सूत्र, ताड़ीखेत : आंगनबाड़ी केंद्रों में 'साड़ी' खरीद का मुद्दा सुर्खियों में है। वहीं आक्रोश भी पनपने लगा है। आरोप है कि गणवेश के लिए कार्यकत्रियों के खाते में पहुंचे 600 रुपये बाल विकास परियोजना अधिकारी उसके पास जमा कराने का दबाव बना रहीं हैं। कार्यकत्रियों के अनुसार जो साड़ी अधिकारी दिलवा रही हैं, उनकी गुणवत्ता ठीक नहीं है। इधर डीपीओ ने कहा- योजना की राशि कार्यकत्रियों के लिए है। वह स्वेच्छा से मनपसंद साड़ी खुद खरीदें।
दरअसल, आंगनबाड़ी केंद्रों में तैनात कार्यकत्रियों व सहायिकाओं को ड्रेस कोड के रूप में साड़ी खरीद के लिए खातों में शासन ने 600 रुपये जमा कराए गए हैं। इस राशि से दो साड़ियां खरीदी जानी हैं। कार्यकत्रियों का आरोप है कि धनराशि खातों से निकाल बाल विकास परियोजना अधिकारी उनके पास जमा कराने को बेवजह दबाव बना रही हैं।
यह भी बताया कि ब्लॉक के सभी 170 आंगनबाड़ी व 65 मिनी केंद्रों में तैनात कार्यकत्रियों व सहायिकाओं के लिए एकमुश्त एक ही रंग की साड़ियां एकसाथ खरीद कर बांटने का तर्क दिया जा रहा है। कार्यकत्रियों का कहना है कि जो साड़ी खरीद कर देने की बात कही जा रही है, उनकी गुणवत्ता भी ठीक नहीं है और सस्ती भी हैं।
=== इंसेट ===
'यह धनराशि आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के लिए है। इसका सदुपयोग वही करेंगे। वही स्वेच्छा से मनपसंद साड़ी खरीदेंगी। मामला क्या है पता लगाएंगे।
- प्रकाश बृजवाल, डीपीओ'
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'साड़ियां रानीखेत में नहीं मिलेंगी। बाहर से खरीदनी पड़ेगी। हमारा मकसद उमदा साड़ी एकसाथ खरीदना था। दबाव किसी पर नहीं डाला गया।
- सुमित्रा आर्या, बाल विकास परियोजना अधिकारी'
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'बाल विकास परियोजना अधिकारी ने मौखिक कहा था। हमने लिखित रूप से देने की बात कही। ताकि स्पष्ट हो सके साड़ी वही खरीदेंगी या आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां मनमाफिक खरीदारी करेंगी।
- प्रभा फत्र्याल, अध्यक्ष, आंगनबाड़ी कर्मचारी महासंघ'