दो साल में छह करोड़ बहाकर भी बदहाली
जागरण संवाददाता, रानीखेत : इसे मंत्रियों व विधायकों की काहिली कहें या नौकरशाहों की मनमानी। आंतरिक मार्गो की तो छोड़िए यहां कुमाऊं में ब्रितानी दौर की सबसे पुरानी 'लाइफ लाइन' आम यात्रियों ही नहीं बल्कि पर्यटकों के लिए बड़ा सिरदर्द बन गई है। बजट की बाजीगरी का आलम यह कि दो साल में 6.40 करोड़ बर्बाद करने के बावजूद मजखाली व द्वाराहाट हाईवे के गड्डे तक नहीं पाटे जा सके। यह हाल तब है जब सत्ता-विपक्षी नेता, आला अफसर व न्यायिक अधिकारी राष्ट्रीय राजमार्ग से ही गुजरते हैं। बहरहाल, पुनर्निर्माण के नाम पर बड़े खेल की आशंका में जनांदोलन के जरिए हाईवे ठप करने की रणनीति तैयार कर ली गई है।
बताते चलें कि मजखाली-अल्मोड़ा हाईवे सबसे पुराने राजमार्गो में से है। संकटकाल में सामरिक लिहाज से अहम यही 'लाइफ लाइन' जिंदगी को रफ्तार देती है। मगर जनप्रतिनिधियों के नकारेपन व अफसरों की लापरवाही से अब यही हाईवे जी का जंजाल बन चुका है। करीब दो वर्ष पूर्व पुनर्निर्माण के नाम पर मजखाली व द्वाराहाट हाईवे के पुराने डामर को उखड़वा कर एनएच प्रशासन ने नए सिरे से सोलिंग का निर्णय लिया।
घिंघारीखाल से गगास तथा मजखाली से क्वैराली तक कुल 23 किमी हाईवे दायरे पर दो फेज में सोलिंग व हॉटमिक्स के लिए 6.40 करोड़ अवमुक्त हुए। मगर कार्यदायी कंपनी सुपर कॉन्स्ट्रक्शन्स ने तेजी से काम निपटाने के बजाय उल्टा एनएच से 2.11 करोड़ का भुगतान ले हाईवे को बदहाल छोड़ दिया। हालांकि बाद विभाग ने कंपनी पर पेनाल्टी ठोक इतिश्री कर ली। मगर विभागीय अनदेखी का खामियाजा आम यात्रियों व पर्यटकों को भुगतना पड़ रहा। इधर एनएच, प्रशासन व जनप्रतिनिधियों के खिलाफ प्रदर्शन व हाईवे ठप करने की रणनीति तय कर ली गई है।
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सीएम को फैक्स, जांच की मांग
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व प्रवक्ता अधिवक्ता दिनेश तिवारी ने हाईवे की दुर्दशा के बीच बड़े घोटाले का अंदेशा जताया है। उन्होंने दो साल से हॉटमिक्स न होने के लिए सीधे तौर पर कतिपय विभागीय अफसर व जनप्रतिनिधियों के उस गठजोड़ को भी जिम्मेदार ठहराया है जो कमीशनखोरी में लिप्त रहते हैं। तिवारी ने कहा- मंत्री, विधायक, सांसद, अफसर व न्यायिक अधिकारी इन्हीं राजमार्र्गो से गुजरते हैं। इसके बावजूद हाईवे की सुध नहीं ली जा रही। उन्होंने सीएम से उच्चस्तरीय जांच करा दोषी अफसर व कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठाते हुए जनांदोलन व राजमार्ग ठप करने की चेतावनी दी है।
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'हाईवे के पुनर्निर्माण को दो बार टेंडर कराए जा चुके हैं, कार्यदायी संस्था नहीं मिल रही। हालांकि राज्य सेक्टर से गगास व क्वैराली तक निर्माण कार्य के लिए 1.65 करोड़ हमें मिल चुका है। जल्द काम शुरू हो ठोस प्रयास किए जा रहे हैं।
- मनोहर सिंह, ईई एनएच अल्मोड़ा खंड'